PM Modi China Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 साल बाद चीन पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री संघाई सहयोग संगठन(SCO) में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं. चीनी यात्रा के दौरान SCO समिट के अलावा प्रधानमंत्री मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर द्विपक्षीय वार्ता होगी. चीनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने जापान की दो दिवसीय यात्रा पर गए थे. SCO का सम्मलेन 31 अगस्त से एक सितंबर के बीच चीन के तियानजिन में आयोजित हो रहा है.
ट्रंप के टैरिफ के बीच PM मोदी की चीन की यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ट्रंप के टैरिफ के कारण दुनियाभर में कोहराम मचा हुआ है. ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत और चीन पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के पीछे रूस से तेल खरीदने का कारण बताया था. भारत पर टैरिफ लगाने के बाद से ही भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में खटास आ गई है.
PM मोदी बोले- वैश्विक नेताओं से मुलाकात के लिए उत्सुक हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन पहुंचने की खुद जानकारी दी. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर ट्वीट करके लिखा, ”चीन के तियानजिन पहुंच गया हूं. SCO शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श और तमाम वैश्विक नेताओं से मुलाकात के लिए मैं उत्सुक हूं.’
Landed in Tianjin, China. Looking forward to deliberations at the SCO Summit and meeting various world leaders. pic.twitter.com/gBcEYYNMFO
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2025
2019 के बाद पहली चीन यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये चीन की छठी यात्रा है. इसके साथ ही PM मोदी चीन की सबसे ज्यादा बार यात्रा करने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं. इसके पहले प्रधानमंत्री 2019 में चीन की यात्रा की थी. लेकिन 2020 में गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आ गई थी. जिसके बाद प्रधानमंत्री ने चीन का कोई दौरा नहीं किया था. वहीं PM मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो सकता है.
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अमेरिकी टैरिफ के कारण ‘RIC’ की अवधारणा पर हो रही चर्चा
ट्रंप के भारत पर टैरिफ लगाने और पाकिस्तान को करीबी दिखाने के कारण भारत से दूरियां बढ़ने लगी हैं. भारत में अमेरिका के खिलाफ भावनाएं हो गई हैं. भारत के लोग एक बार फिर से कहने लगे हैं कि अब अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. जानकारों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप इस रणनीति पर रहे तो भारत, रूस और चीन के करीब जा सकता है. वहीं एक बार फिर RIC(रूस, भारत और चीन) तीनों देशों के एक साथ आने का पुराने विचार पर अब चर्चा होने लगी है. ये विचार 3 दशक पुराना है, जिसमें यूरेशिया(यूरोप और एशिया) की 3 बड़ी शक्तियों को साथ लाना है.
रूस और चीन तो RIC के पहले से ही हिमायती रहे हैं, लेकिन भारत ने हमेशा इस पर संतुलित प्रक्रिया दी है. लेकिन जिस तरह से अमेरिका का भारत के लिए रवैया और पाकिस्तान के लिए उदारवादी हो गया है. उसे देखते हुए भारत अब एक बार फिर अपने सबसे पुराने साथी रूस के और करीब जा सकता है. साथ ही पिछले कुछ महीनों से भारत के चीन के साथ भी रिश्ते सुधरते दिख रहे हैं. अगर दुनिया की तीन बड़ी ताकतें रूस, भारत और चीन एक साथ आते हैं, तो वर्ल्ड ऑर्डर चेंज होते हुए देखा जा सकता है
