Prajwal Revanna Rape Case: कर्नाटक की राजनीति में एक समय ‘बाहुबली’ माने जाने वाले और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के लिए आज का दिन उनकी ज़िंदगी का सबसे बुरा दिन साबित हुआ. बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने उन्हें रेप के मामले में दोषी करार दिया है. कोर्ट का यह फैसला सुनते ही कभी सत्ता के गलियारों में राज करने वाला यह नेता फूट-फूटकर रोने लगा.
सत्ता, स्कैंडल और सज़ा
यह कहानी शुरू होती है 2024 के लोकसभा चुनाव से, जब प्रज्वल रेवन्ना हासन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव प्रचार के दौरान ही एक बड़ा स्कैंडल सामने आया जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में पेन ड्राइव मिलीं, जिनमें हजारों वीडियो मौजूद थे. इन वीडियो में प्रज्वल रेवन्ना को कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म करते हुए देखा गया था.
कर्नाटक सरकार ने किया था SIT का गठन
ये वीडियो आग की तरह फैला और देखते ही देखते यह मामला एक राष्ट्रीय मुद्दा बन गया. समाज में आक्रोश इतना बढ़ गया कि महिलाओं के संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की. दबाव में आकर कर्नाटक सरकार ने SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया.
जांच में SIT ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए. पता चला कि प्रज्वल रेवन्ना सत्ता और प्रभाव का इस्तेमाल करके कई महिलाओं का यौन शोषण करते थे. आरोप यह भी था कि वो पीड़ितों को सरकारी नौकरी देने का झांसा देकर उनका शोषण करते थे. मामला दर्ज होने के बाद जनता दल (सेक्युलर) पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया, और प्रज्वल रेवन्ना देश छोड़कर भाग गए.
यह भी पढ़ें: A फॉर अखिलेश, D फॉर डिंपल…UP में सपा नेता ने ‘PDA पाठशाला’ में बच्चों को पढ़ाई सियासी ABCD
भागना पड़ा महंगा
कई हफ़्तों तक चले हाई-वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार उन्हें जर्मनी से गिरफ्तार करके भारत लाया गया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक महिला कर्मचारी ने उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसी मामले में आज कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला सुनाया.
