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“बार-बार ऐसा करना सिक्योरिटी से खिलवाड़”, राहुल गांधी की इस आदत से परेशान CRPF, खड़गे को लेटर लिखकर दी चेतावनी

Rahul Gandhi

राहुल गांधी से सीआरपीएफ को शिकायत

Rahul Gandhi Foreign Trips: कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी की विदेश यात्राओं ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं, लेकिन इस बार वजह कोई राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा में बार-बार हो रही चूक है. सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि राहुल गांधी की विदेश यात्राओं के दौरान सुरक्षा नियमों (Z+ Security Protocol) की अनदेखी उनकी जान को जोखिम में डाल सकती है.

क्या है पूरा मामला?

राहुल गांधी को भारत सरकार की ओर से Z+ कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है. कांग्रेस नेता पिछले नौ महीनों में छह बार विदेश यात्रा पर गए. इन देशों में इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया शामिल हैं. CRPF का कहना है कि राहुल ने इन यात्राओं के दौरान जरूरी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया. चाहे वो अपनी यात्रा की पहले से जानकारी देना हो या फिर सिक्योरिटी टीम के साथ तालमेल, राहुल ने कई बार नियमों को ठेंगा दिखाया.

CRPF ने अपने पत्र में साफ कहा, “ऐसी लापरवाही से VVIP की सुरक्षा कमजोर होती है. खासतौर पर ‘येलो बुक’ प्रोटोकॉल के तहत, जेड+ सिक्योरिटी वाले व्यक्तियों को अपनी हर यात्रा की जानकारी पहले से सिक्योरिटी विंग को देनी होती है, ताकि जरूरी इंतजाम किए जा सकें. लेकिन राहुल ने ऐसा नहीं किया, जिससे उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है.”

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गिने-चुने लोगों को दी जाती है Z+ सिक्योरिटी

Z+ सिक्योरिटी भारत में केवल गिने-चुने लोगों को दी जाती है. इसमें CRPF, NSG कमांडो और स्थानीय पुलिस का एक मजबूत तंत्र काम करता है. लेकिन अगर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का पालन ही नहीं होगा, तो इतनी भारी-भरकम व्यवस्था का क्या फायदा? CRPF ने राहुल को सीधे पत्र लिखकर भी आगाह किया है कि भविष्य में नियमों का पालन करें, नहीं तो उनकी जान को खतरा हो सकता है.

राहुल गांधी की विदेश यात्राएं पहले भी चर्चा का विषय रही हैं. कई बार उनकी यात्राओं को लेकर सवाल उठे हैं कि वो किससे मिलते हैं और क्या करते हैं? कुछ लोग इसे उनकी निजी जिंदगी का हिस्सा मानते हैं, तो कुछ इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देखते हैं. इस बार CRPF की चेतावनी ने इस बहस को और हवा दे दी है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि Z+ सिक्योरिटी वाले व्यक्ति की हर हरकत पर नजर रखना जरूरी होता है, क्योंकि उनकी सुरक्षा सिर्फ उनकी अपनी नहीं, बल्कि देश की स्थिरता से भी जुड़ी होती है. एक पूर्व CRPF अधिकारी ने कहा, “अगर कोई VVIP बार-बार प्रोटोकॉल तोड़ता है, तो ये न सिर्फ उसकी जान को खतरे में डालता है, बल्कि पूरी सिक्योरिटी मशीनरी की मेहनत पर पानी फेरता है.” फिलहाल राहुल गांधी या कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

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