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ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर से लेकर विमान ‘गिरने’ के सवालों तक…जानिए लोकसभा में राजनाथ सिंह ने क्या-क्या कहा

Operation sindoor

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Rajnath Singh in Lok Sabha: संसद के मानसून सत्र में आखिरकार ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर चर्चा शुरू हो गई है. लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने विपक्ष की मंशा पर भी सवाल उठाए. राजनाथ सिंह ने सदन में बताया कि ऑपरेशन सिंदूर उन मासूम परिवारों को, न्याय दिलाने के लिए लांच किया गया था, जिन्होंने पाक प्रायोजित आतंकी हमले में अपने प्रियजनों को खोया था. उन्होंने कहा कि हमारी सेनाओं ने सिर्फ उनको टारगेट किया, जो इन आतंकियों को सपोर्ट करते हुए भारत पर हमला करने की कोशिश में लगातार शामिल थे.

लोकसभा में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि 6-7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. वह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि यह भारत की संप्रभुता, उसकी अस्मिता, देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावी और निर्णायक कदम था.

‘पाक में 9 आतंकी ठिकाने तबाह किए’

उन्होंने बताया, “ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया. हमारे पास कई विकल्प थे. लेकिन हमने उस विकल्प को चुना जिसमें, आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो. हमारी सेनाओं द्वारा की गई. हमारी सेनाओं ने 9 आतंकी ठिकानों को सटीक हमले करके तबाह कर दिया. इस सैन्य कार्रवाई में करीब 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, हैंडलर और सहयोगी मारे गए. इनमें से अधिकांश जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से संबंधित थे. ये वही आतंकी संगठन हैं, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का खुला समर्थन प्राप्त है.”

पाक के हर हमले को रोका- राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारी कार्रवाई पूरी तरह से आत्म-रक्षा में थी और यह उकसावे वाली नहीं थी. फिर भी 10 मई 2025 को रात लगभग 1.30 मिनट पर पाकिस्तान ने बड़े पैमाने पर भारत के ऊपर मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट और अन्य वेपन से हमला किया. लेकिन हमारे हमारे एयर डिफेंस सिस्टम और काउंटर ड्रोन सिस्टम ने पाकिस्तान के इस हमले को पूरी तरह से नाकाम कर दिया.

पाक के कई एयरबेस को निशाना बनाया- रक्षा मंत्री

राजनाथ सिंह ने सदन को बताया कि पाकिस्तान हमारे किसी भी टारगेट को हिट नहीं कर पाया और हमारे किसी भी महत्वपूर्ण असेट को नुकसान नहीं हुआ. हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी और हर हमले को रोका गया. वहीं पाकिस्तान के इस हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने वेस्टर्न फ्रंट पर पाकिस्तान के एयरबेस, कमांड और कंट्रोल सेंटर्स, सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया. इस मिशन को हमारी सेनाओं ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया. रक्षा मंत्री ने इस पराक्रम के लिए भारतीय सेना के बहादुर सैनिकों की जमकर सराहना की.

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सीजफायर पर बोले राजनाथ- पाक ने लगाई गुहार

लोकसभा रक्षा मंत्री ने कहा, “10 May की सुबह जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरफील्ड पर करारा प्रहार किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और इस हमले को रोकने की पेशकश की. यह पेशकश इस चेतावनी के साथ स्वीकार की गई कि इस ऑपरेशन पर केवल विराम लगाया गया है. अगर पाकिस्तान की ओर से भविष्य में कोई भी हिमाकत हुई, तो यह ऑपरेशन दोबारा शुरू किया जाएगा.”

उन्होंने सदन को बताया, “10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से संपर्क किया और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की अपील की. इसके बाद 12 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच औपचारिक संवाद हुआ और दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाइयों पर विराम लगाने का निर्णय लिया.”

विमान गिरने वाले सवाल पर राजनाथ ने क्या कहा?

ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद के हालातों पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों शुरू किया गया, इसकी जानकारी पहले भी दी गई है और आज भी मैंने सदन को दी है. उन्होंने कहा, “विपक्ष के कुछ लोग पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे? मुझे लगता है उनका यह प्रश्न, हमारी राष्ट्रीय जनभावनाओं का सही से प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहा है. उन्होंने एक बार भी हमसे यह नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? यदि उन्हें प्रश्न पूछना ही है, तो उनका प्रश्न यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया, तो उसका उत्तर है, हां.”

राजनाथ ने कहा, “विपक्ष से मैं कहना चाहता हूं कि आपको प्रश्न पूछना है, तो यह प्रश्न पूछिए कि क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा, तो उसका उत्तर है, हाँ…”

रिजल्ट मायने रखता है- राजनाथ

राजनाथ ने 1962 के भारत-चीन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि इस युद्ध के नतीजे आने के बाद हमने पूछा था कि हमारी धरती पर दूसरे देश का कब्जा कैसे हुआ, सेना के जवान कैसे हताहत हुए. तब हमने मशीनों और तोपों की चिंता न करते हुए देश की बेहतरी की चिंता की थी. 1971 में पाक को सबक सिखाने के बाद हमने राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की तारीफ की थी. हमने उस समय भी ऐसे प्रश्न नहीं पूछे. राजनाथ ने कहा, “परीक्षा के परिणाम में नतीजे मायने रखते हैं, हमें बच्चे के मार्क्स पर ध्यान देना चाहिए, न कि एग्जाम के दौरान बच्चे की पेंसिल टूटने पर. रिजल्ट यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारी सेनाओं ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे हासिल किया है.

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