Ram Darbar Pran Pratishtha: रामनगरी अयोध्या में आज एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया. आज श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा भव्य रूप से संपन्न हुई. इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया और पूजा-अर्चना कर प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद लिया. यह समारोह गंगा दशहरा के पावन अवसर पर अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:25 से 11:40 में आयोजित किया गया, जिसमें अयोध्या और काशी के 101 वैदिक आचार्यों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अनुष्ठान संपन्न कराया.
सीएम योगी का अयोध्या आगमन और दर्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह 10:30 बजे राम कथा पार्क हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर से अयोध्या पहुंचे. उन्होंने सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन और पूजन किया, इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला के दर्शन कर प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने राम दरबार के समक्ष पूजा-अर्चना की और सभी देव विग्रहों का अभिषेक किया. आज सीएम योगी का 53वां जन्मदिन भी है.
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— Vistaar News (@VistaarNews) June 5, 2025
राम दरबार और अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा
राम मंदिर परिसर में राम दरबार के साथ-साथ परकोटे के छह अन्य मंदिरों में भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई. इनमें शिवलिंग, भगवान गणेश, सूर्य देव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा, और हनुमान जी की मूर्तियां शामिल हैं. इसके अतिरिक्त, शेषावतार लक्ष्मण जी की मूर्ति की भी प्राण प्रतिष्ठा की गई, भले ही उनका मंदिर अभी पूर्ण नहीं हुआ है. कुल 21 मूर्तियों का अनावरण और प्राण प्रतिष्ठा इस समारोह में की गई.
वैदिक अनुष्ठान और भव्य आयोजन
प्राण प्रतिष्ठा का यह तीन दिवसीय महोत्सव 2 जून को सरयू नदी के तट से कलश यात्रा के साथ शुरू हुआ था. 3 और 4 जून को विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान जैसे अन्नाधिवास, जलाधिवास, और शय्याधिवास संपन्न हुए. इसके बाद आज यानी 5 जून को, काशी के यज्ञाचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी के नेतृत्व में 120 आचार्यों ने वैदिक मंत्रों के साथ प्राण प्रतिष्ठा को पूर्ण किया. समारोह में हवन, महापूजन, और भोग समर्पण जैसे अनुष्ठान भी किए गए. मंदिर परिसर को भव्य सजावट और दीपों की रोशनी से सुसज्जित किया गया, जिसने इस अवसर को और भी अलौकिक बना दिया.
सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं का उत्साह
इस भव्य आयोजन के लिए अयोध्या में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए. देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने पहुंचे. मंदिर प्रशासन ने 500 से अधिक विशिष्ट मेहमानों को आमंत्रित किया था, जिनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी शामिल थे.
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रामनगरी की नई भव्यता
राम मंदिर के प्रथम तल का निर्माण और मुख्य शिखर का स्वर्ण मंडन पूर्ण होने के साथ अयोध्या की भव्यता और बढ़ गई है. यह समारोह न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. अयोध्या के संत-महंतों ने इसे त्रेतायुग की आस्था को जीवंत करने वाला क्षण बताया. इस आयोजन ने एक बार फिर अयोध्या को वैश्विक भक्ति और आस्था का केंद्र बना दिया.
