PM Modi Speech: रामनगरी अयोध्या आज मंगलवार, 25 नवंबर को एक बार फिर ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी. पीएम मोदी ने राम मंदिर से अभिजीत मुहूर्त में धर्म ध्वज फहराया. इस दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत, सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहे. ध्वज फहराने के बाद पीएम मोदी ने सभी को प्रणाम करते हुए कहा, ‘प्राण जाए पर वचन न जाए’ यह ध्वज की प्ररणा है.
अयोध्या ध्वजारोहण के बाद पीएम मोदी बोले, “आज संपूर्ण भारत, संपूर्ण विश्व राम-मय है. हर राम भक्त के हृदय में द्वितीया संतोष है. असीम कृतज्ञता है. अपार अलौकिक आनंद है. सदियों के घाव भर रहे हैं. सदियों की वेदना आज विराम पा रही है. सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है. आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है जिसकी अग्नि 500 वर्ष तक प्रज्वलित रही. आज भगवान राम की ऊर्जा इस धर्म ध्वज के रूप में भव्य राम मंदिर के शिखर पर स्थापित है.”
सत्य ही धर्म है: PM मोदी
PM ने कहा, “यह धर्म ध्वज केवल एक ध्वज नहीं है. यह भारतीय सभ्यता के कायाकल्प का ध्वज है. भगवा रंग, सूर्यवंश का चिन्ह, ‘ॐ’ शब्द और कोविदारा वृक्ष रामराज्य की महिमा का प्रतीक हैं. यह ध्वज एक संकल्प है, एक सिद्धि है, सृजन के संघर्ष की गाथा है, सैकड़ों वर्षों के संघर्ष का साकार रूप है. आने वाली हजारों शताब्दियों तक यह ध्वज भगवान राम के मूल्यों का उद्घोष करेगा. सत्य ही धर्म है. कोई भेदभाव या पीड़ा न हो, शांति और सुख हो, कोई गरीबी न हो, कोई असहाय न हो.”
#WATCH | Ayodhya Dhwajarohan | PM Modi says, "… Ram is not a person, He is a value… If we want to make India developed by 2047, we have to awaken Ram within ourselves… What day can be better than today for this resolution…"
— ANI (@ANI) November 25, 2025
(Source: DD) pic.twitter.com/cBrsYORdBM
राम मंदिर में सहयोग करने वालों को दी बधाई
उन्होंने कहा, “हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि जो लोग मंदिर में आने में असमर्थ हैं और फिर भी दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम करते हैं, उन्हें भी वही पुण्य प्राप्त होता है. यह ध्वज दूर से ही रामलला की जन्मभूमि के दर्शन कराएगा और आने वाले युगों-युगों तक भगवान श्री राम के आदेशों और प्रेरणाओं को सभी मानव जाति तक पहुंचाएगा. मैं इस अविस्मरणीय क्षण पर दुनिया भर के करोड़ों राम भक्तों को हार्दिक बधाई देता हूं. मैं आज सभी रामभक्तों को नमन भी करता हूं. मैं राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले सभी लोगों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. मैं राम मंदिर के निर्माण में शामिल प्रत्येक श्रमिक, कारीगर, योजनाकार, वास्तुकार और कार्यकर्ता को बधाई देता हूं”
1000 साल के लिए भारत को करना होगा मजबूत
पीएम मोदी बोले, “हमें आने वाले 1000 साल के लिए भारत की नीव मजबूत करनी है. हमें याद रखना होगा कि जो लोग सिर्फ वर्तमान के बारे में सोचते हैं, वे आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय करते हैं. हमें वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के बारे में भी सोचना होगा, क्योंकि यह देश तब भी था जब हम नहीं थे, और यह तब भी रहेगा जब हम नहीं रहेंगे. हम एक जीवंत समाज हैं. हमें दूरदर्शिता के साथ काम करना होगा. हमें आने वाले दशकों और सदियों को ध्यान में रखना होगा.”
#WATCH | Ayodhya Dhwajarohan | PM Modi says, "…Humein aane wale 1000 varshon ke liye Bharat ki neev mazboot karni hai. Jo sirf vartaman ka sochte hain wo aane wali pidhiyon ke saath anyaay karte hain. Humein bhavi pidhiyon ke baare mein bhi sochna hai. Hum jab nahi the yeh desh… pic.twitter.com/cS7iqgi495
— ANI (@ANI) November 25, 2025
PM बोले, “राम एक व्यक्ति नहीं, एक मूल्य हैं. अगर हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है, तो हमें अपने भीतर राम को जगाना होगा. इस संकल्प के लिए आज से बेहतर दिन और क्या हो सकता है. अगर देश को आगे बढ़ना है, तो उसे अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्त होना है. 190 साल पहले, 1835 में, मैकाले नामक एक अंग्रेज ने भारत को उसकी जड़ों से उखाड़ने के बीज बोए थे. मैकाले ने भारत में गुलामी की नींव रखी. 10 साल बाद, 2035 में, उस अपवित्र घटना को 200 साल पूरे हो जाएंगे. अगले 10 वर्षों तक, हमें भारत को गुलामी की मानसिकता से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना है.”
सीएम योगी और RSS प्रमुख भी रहे मौजूद
ध्वज समारोह के दौरान पीएम मोदी के साथ RSS प्रमुख मोहन भागवत और सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. मोहन भागवत ने कहा, “असंख्य लोगों ने एक सपना देखा, प्रयास किए, और बलिदान दिया. आज उनकी आत्मा तृप्त हो गई होगी.” वहीं सीएम योगी बोले, “पिछले 500 वर्षों में साम्राज्य और पीढ़ियां बदल गईं. एकमात्र चीज जो नहीं बदली, वह थी आस्था. जब आरएसएस को नेतृत्व मिला, तो एक ही नारा प्रचलित था, ‘राम लला हम आएंगे. मंदिर वहीं बनाएंगे. लाठी गोली खाएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’.”
