Ravi Kishan: बुधवार, 30 जुलाई को लोकसभा में उस वक्त माहौल गर्म हो गया, जब गोरखपुर के सांसद और भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन ने जीरो ऑवर में समोसे और बड़ा पाव की कीमतों का मुद्दा उठा दिया. जी हां, आपने सही सुना! संसद में जहां महंगाई, बेरोजगारी जैसे भारी-भरकम मुद्दे उठते हैं, वहां रवि किशन ने आम आदमी के पेट और जेब से जुड़ा ये चटपटा मुद्दा छेड़ दिया. उन्होंने कहा कि ढाबे से लेकर फाइव स्टार होटल तक, समोसे और बड़ा पाव की कीमतों में जमीन-आसमान का अंतर है और गुणवत्ता व साइज का कोई ठिकाना नहीं!’
रवि किशन ने बड़े ही मजेदार अंदाज में कहा- ‘साहब, ढाबे पर दाल तड़का 100 रुपये में मिलता है, कहीं 120 रुपये में और फाइव स्टार में वही दाल 1000 रुपये की! समोसा कहीं 10 रुपये का, तो कहीं 100 रुपये का! ना साइज का पता, ना क्वालिटी का ठिकाना!’ उन्होंने मांग की कि खाने-पीने की चीजों की कीमत, मात्रा और गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए सरकार को एक ठोस कानून बनाना चाहिए. उनका सुझाव था कि मेन्यू में सिर्फ कीमत ही नहीं, बल्कि खाने की मात्रा और इस्तेमाल किए गए तेल की जानकारी भी अनिवार्य हो, ताकि ग्राहक को ठगे जाने का डर न रहे.
देशभर के होटल और ढाबों में मिलने वाले भोजन की मात्रा का मानक तय हो ।
— Ravi Kishan (@ravikishann) July 30, 2025
💬 मेन्यू कार्ड में सिर्फ कीमत लिखी होती है, मात्रा नहीं, जिससे ग्राहकों को भ्रम होता है और भोजन का वेस्टेज भी होता है।
मेरी मांग है कि सरकार एक ऐसा कानून बनाए जिससे:मेन्यू में मूल्य के साथ-साथ खाद्य पदार्थ की… pic.twitter.com/ez91qJtxgM
क्वालिटी और साइज का ‘समोसा स्कैंडल’
रवि किशन ने बड़े ही जोर-शोर से कहा कि बिना मानक के खाने की चीजें बेचना ग्राहकों के साथ नाइंसाफी है. कहीं समोसा इतना छोटा कि दो कौर में खत्म, तो कहीं तेल इतना पुराना कि पेट खराब! उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा- ‘ऐसे में तो लोग समोसा खाएं या सिर्फ तेल चखें?’ उनका कहना था कि एक कानून बनने से न सिर्फ ग्राहकों को फायदा होगा, बल्कि खाने की बर्बादी भी रुकेगी.
रवि किशन: संसद के ‘सुपरस्टार’
रवि किशन सिर्फ भोजपुरी सिनेमा के हीरो नहीं, बल्कि संसद में भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं. 2023 में वह सबसे सक्रिय सांसदों में शुमार थे, जिन्होंने 482 सवाल पूछकर रिकॉर्ड बनाया. हाल ही में उन्हें संसद रत्न पुरस्कार 2025 से भी नवाजा गया. भोजपुरी गानों में अश्लीलता, गोवध और जनसंख्या नियंत्रण जैसे मुद्दों पर भी वह पहले बोल चुके हैं. लेकिन इस बार समोसे ने उनके ‘हिट डायलॉग’ को और चटपटा कर दिया!
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क्या होगा ‘समोसा कानून’ का भविष्य?
रवि किशन का ये प्रस्ताव भले ही मजेदार लगे, लेकिन ये आम आदमी की जेब और भोजन की गुणवत्ता से जुड़ा है. अगर सरकार इस पर गंभीरता से विचार करे, तो हो सकता है कि जल्द ही आपके मेन्यू कार्ड पर समोसे का साइज और तेल की क्वालिटी लिखी दिखे! तब तक, अगली बार समोसा खाने से पहले रवि किशन को जरूर याद कीजिएगा.
