MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक के बाद एक बड़ा ऐलान किया है. RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने रेपो रेट (Repo Rate) में 50 बेसिस पॉइंट्स (0.50%) की ‘जंबो’ कटौती की घोषणा की है. इसका मतलब है कि रेपो रेट अब 6.00% से घटकर 5.50% हो गया है. यह इस साल की तीसरी लगातार कटौती है, जो कर्ज लेने वालों और व्यवसायों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है. लेकिन ये खबर इतनी खास क्यों है? इससे आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा? आइए, सबकुछ विस्तार से जानते हैं.
क्या है रेपो रेट ?
रेपो रेट वो ब्याज दर है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है. जब ये दर कम होती है, तो बैंक भी आपको होम लोन, कार लोन या बिजनेस लोन सस्ते में दे सकते हैं. यानी, आपकी EMI कम हो सकती है और जेब में कुछ पैसे बच सकते हैं. इस बार की 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती कोई छोटा-मोटा फैसला नहीं है. यह एक ‘जंबो’ कटौती है, जिसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जैसे विशेषज्ञों ने पहले ही भांप लिया था.
क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला?
RBI ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है, जब देश में महंगाई (CPI) 4% के लक्ष्य से नीचे, यानी 3.16% पर है, जो जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है. साथ ही, भारत की आर्थिक वृद्धि (GDP ग्रोथ) 2024-25 में 6.5% तक धीमी हो गई है. वैश्विक स्तर पर भी चुनौतियां हैं, जैसे अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक आर्थिक मंदी की आशंकाएं. ऐसे में RBI चाहता है कि कर्ज सस्ता हो, लोग ज्यादा खर्च करें और व्यवसायों को बढ़ावा मिले.
इसके अलावा, RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) को भी 100 बेसिस पॉइंट्स (1%) घटाकर 3% कर दिया है. इसका मतलब है कि बैंकों के पास अब ज्यादा पैसा होगा, जिसे वो कर्ज के रूप में दे सकते हैं. इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी, नहीं समझे? यानी बैंक से लेकर लोगों के जेब तक कैश प्लो होगा. जब लोगों के पास पैसा होगा तो खर्च भी अधिक करेंगे और अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी.
आम आदमी को क्या फायदा?
सस्ते लोन और कम EMI: होम लोन, कार लोन, या पर्सनल लोन की ब्याज दरें कम हो सकती हैं. अगर आपने पहले से लोन लिया है, तो आपकी EMI में कमी आ सकती है.
बिजनेस को बूस्ट: सस्ते कर्ज से छोटे-बड़े व्यवसायों को नई मशीनें खरीदने, फैक्ट्रियां बढ़ाने या नई दुकानें खोलने में मदद मिलेगी.
निवेश में बढ़ोतरी: रेपो रेट कम होने से शेयर बाजार में भी तेजी की उम्मीद है, क्योंकि निवेशकों का उत्साह बढ़ेगा.
महंगाई पर नजर: RBI ने FY26 के लिए महंगाई का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया है. यानी, चीजें सस्ती रहने की उम्मीद है.
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उम्मीद से बढ़कर RBI का फैसला
RBI ने इस साल फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की थी, जिससे रेपो रेट 6.50% से 6.00% पर आया. अब जून की इस 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती ने कुल 100 बेसिस पॉइंट्स की कमी कर दी है. यह कटौती इसलिए भी खास है, क्योंकि कई विशेषज्ञ केवल 25 बेसिस पॉइंट्स की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन SBI की रिसर्च रिपोर्ट ने पहले ही इस ‘जंबो’ कटौती की भविष्यवाणी कर दी थी.
RBI का कहना है कि यह कदम अर्थव्यवस्था को तेज करने और क्रेडिट साइकिल को मजबूत करने के लिए जरूरी था. खासकर, जब मानसून 105% की औसत बारिश के साथ अच्छा होने की उम्मीद है, तो खेती और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा.
इससे ज्यादा कटौती की गुंजाइश कम!
हालांकि यह कटौती अच्छी खबर है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि RBI के पास अब और दरें कम करने की गुंजाइश कम है. वैश्विक अनिश्चितताएं, जैसे अमेरिका के ट्रेड टैरिफ, भारत की निर्यात-आधारित अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं. फिर भी, RBI ने अपनी नीति को ‘न्यूट्रल’ कर दिया है, जिसका मतलब है कि वो भविष्य में हालात के हिसाब से और कदम उठा सकता है.
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संकेत दिए हैं कि अगर महंगाई नियंत्रण में रही, तो भविष्य में और कटौती हो सकती है. अगली MPC बैठक अगस्त 2025 में होगी, जहां विशेषज्ञ 25 बेसिस पॉइंट्स की और कटौती की उम्मीद कर रहे हैं. तो, चाहे आप लोन लेने की सोच रहे हों, नया बिजनेस शुरू करना चाहते हों, या बस अपनी EMI कम करने की उम्मीद में हों, RBI का ये फैसला आपके चेहरे पर मुस्कान ला सकता है.
