Vistaar NEWS

पेरू से इंडोनेशिया तक और नेपाल से बेंगलुरु तक…खेल की दुनिया के सबसे बड़े हादसों की कहानी

Peru disaster

पेरू की त्रासदी

Bengaluru Stampede: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के फैंस के लिए 18 साल का इंतजार आखिरकार खत्म हुआ. उनकी टीम ने पहली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की. बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में जीत का जश्न ऐसा था कि हर तरफ खुशी की लहर दौड़ रही थी. मंगलवार की रात से शुरू हुआ उत्सव बुधवार को भी जोरों पर था.

स्टेडियम में विजेता टीम के सम्मान के लिए खास आयोजन रखा गया. हजारों फैंस अपने सितारों को करीब से देखने के लिए बेताब थे. लेकिन इस जश्न का माहौल पलभर में मातम में बदल गया. आयोजकों की लापरवाही और भीड़ के बेकाबू उत्साह ने 11 मासूम जिंदगियों को लील लिया. यह पहली बार नहीं है जब खेल का मैदान हादसों का गवाह बना हो. आइए, आज खेल की दुनिया के कुछ सबसे दुखद हादसों को जानते हैं.

बेंगलुरु में क्या हुआ?

जब आरसीबी ने ट्रॉफी जीती, तो फैंस का जोश सातवें आसमान पर था. बुधवार को स्टेडियम में आयोजित सम्मान समारोह में हजारों लोग जमा हुए. लेकिन आयोजकों ने भीड़ को संभालने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए. स्टेडियम के गेट पर अचानक भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को धक्का देने लगे, और देखते ही देखते 11 लोग इस हादसे का शिकार हो गए. पुलिस और प्रशासन ने हालात को काबू करने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस हादसे ने न सिर्फ फैंस को सदमे में डाला, बल्कि खेल आयोजनों की सुरक्षा पर भी सवाल उठा दिए.

यह भी पढ़ें: अफवाह, अफरा-तफरी, लाठीचार्ज और भगदड़…बेंगलुरु हादसे की ये है कहानी

खेल के मैदान पर भगदड़ का काला इतिहास

खेल के मैदान पर कई बार लापरवाही ने भयानक मंजर पैदा किए हैं. आइए, दुनिया के कुछ ऐसे बड़े हादसों की कहानी जानते हैं, जिन्होंने खेल प्रेमियों को झकझोर दिया.

पेरू की त्रासदी (1964): फुटबॉल के मैदान पर सबसे भयावह हादसा पेरू में हुआ. 1964 में पेरू और अर्जेंटीना के बीच एक मैच के दौरान रेफरी के एक विवादित फैसले ने बवाल मचा दिया. गुस्साए दर्शकों ने हंगामा शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी, जिससे स्टेडियम में अफरातफरी मच गई. लोग गेट की ओर भागे, लेकिन संकरे रास्तों में फंस गए. इस हादसे में 328 लोगों ने अपनी जान गंवाई. इसे ‘एस्टाडियो नेशनल डिजास्टर’ के नाम से जाना जाता है.

इंडोनेशिया का दर्द (2022): इंडोनेशिया में फुटबॉल के दो बड़े क्लब आरेमा एफसी और पर्सेबाया सुरबाया के बीच मुकाबले के बाद स्टेडियम में हंगामा हो गया. हार से नाराज फैंस मैदान में घुस आए. पुलिस ने हालात काबू करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. इससे स्टेडियम के गेट पर भगदड़ मच गई, और 135 लोग इस हादसे में मारे गए. यह हादसा खेल की दुनिया के सबसे दुखद घटना में से एक है.

घाना का अक्रा हादसा (2001): घाना के अक्रा स्पोर्ट्स स्टेडियम में हर्ट्स ऑफ ओक और असांटे कोटोको के बीच फुटबॉल मैच के दौरान कुछ उपद्रवियों ने माहौल बिगाड़ दिया. पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी, जिससे दर्शक घबरा गए और स्टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश में भगदड़ मच गई. इस हादसे में 126 लोगों की जान चली गई.

इंग्लैंड का हिल्सबरो हादसा (1989): इंग्लैंड में लिवरपूल और नॉटिंघम फॉरेस्ट के बीच एफए कप सेमीफाइनल के दौरान स्टेडियम में जरूरत से ज्यादा भीड़ जमा हो गई. आयोजकों की लापरवाही से स्टेडियम के गेट पर भयानक भगदड़ मची, जिसमें 96 लोग मारे गए. इस हादसे ने खेल आयोजनों की सुरक्षा को लेकर बड़े बदलावों की मांग उठाई.

नेपाल का दुखद हादसा (1988): नेपाल के काठमांडू में एक फुटबॉल मैच के दौरान अचानक तेज बारिश और ओले पड़ने लगे. दर्शक स्टेडियम से बाहर निकलने की कोशिश में जुट गए. संकरे गेट और खराब इंतजामों की वजह से भगदड़ मच गई, जिसमें 93 लोगों की जान चली गई.

बेंगलुरु का ताजा हादसा और इन ऐतिहासिक त्रासदियों से एक बात साफ है. खेल आयोजनों में सुरक्षा को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है. स्टेडियम में भीड़ प्रबंधन, पर्याप्त सुरक्षा बल और आपातकालीन निकास की व्यवस्था होना बेहद जरूरी है. फैंस का जोश खेल का हिस्सा है, लेकिन इस जोश को मातम में बदलने की जिम्मेदारी आयोजकों की लापरवाही पर जाती है.

Exit mobile version