PM Modi in Odisha: पिछले हफ्ते कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को वॉशिंगटन आने का न्योता दिया था. लेकिन, पीएम मोदी ने उनका न्योता ठुकरा दिया था. पीएम मोदी शुक्रवार को ओडिशा के दौरे पर पहुंचे थे, जहां प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने ट्रंप का न्योता क्यों ठुकरा दिया था.
पीएम मोदी ने बताई वजह न्योता ठुकराने की वजह
प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा में जनसभा को संबोधित करते हुए ट्रंप के न्योते का जिक्र किया और कहा, “अभी 2 दिन पहले मैं कनाडा में G7 समिट के लिए वहां था और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे फोन किया. उन्होंने कहा, अब कनाडा तो आए ही हैं तो वॉशिंगटन होकर जाइए. उन्होंने बहुत आग्रह से निमंत्रण दिया. मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति को कहा कि आपके निमंत्रण के लिए धन्यवाद, लेकिन मुझे तो महाप्रभु की धरती पर जाना बहुत जरूरी है और इसलिए मैंने उनके निमंत्रण को नम्रता पूर्वक मना किया.”
पीएम मोदी ने ओडिशा में कहा, “आदिवासी साथियों के सपने पूरे करना, उन्हें नए अवसर देना, उनके जीवन से मुश्किलें कम करना, हमारी सरकार की प्राथमिकता है. इसलिए पहली बार जनजातीय विकास के लिए दो बहुत बड़ी राष्ट्रीय योजनाएं देश में बनी हैं.”
उन्होंने कहा कि इन दो योजनाओं पर 1 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च किए जा रहे हैं. पहली योजना है ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’. बिरसा मुंडा जी के नाम पर इसे रखा गया है. इसके तहत देश भर में 60,000 से अधिक आदिवासी गांवों में विकास के काम किए जा रहे हैं.
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#WATCH | भुवनेश्वर, ओडिशा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "अभी 2 दिन पहले मैं कनाडा में G7 समिट के लिए वहां था और अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझे फोन किया। उन्होंने कहा, अब कनाडा तो आए ही हैं तो वॉशिंगटन होकर जाइए… उन्होंने बहुत आग्रह से निमंत्रण दिया। मैंने अमेरिका के… pic.twitter.com/cOs8VsVLeH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 20, 2025
ओडिशा में जनसभा को किया संबोधित
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा में भी कहीं आदिवासियों के लिए घर बन रहे हैं, रोड बन रहे हैं, बिजली पानी की सुविधाएं बन रही हैं. यहां ओडिशा के 11 जिलों में 40 आवासीय विद्यालय भी बन रहे हैं. केंद्र सरकार इस पर भी सैकड़ों करोड़ों खर्च कर रही है. जो दूसरी योजना है, उसका नाम है ‘पीएम जन-मन योजना’ है. इस योजना की प्रेरणा ओडिशा की धरती से आई है. देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति, ओडिशा की बेटी द्रौपदी मुर्मू ने इस योजना के लिए हमें मार्गदर्शन दिया है.
