Karnataka Congress: कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है. प्रदेश के दक्षिण कन्नड़ जिले में 200 से अधिक मुस्लिम नेताओं ने सामूहिक रूप से पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. यह कदम मंगलुरु में अब्दुल रहीम (उर्फ इम्तियाज) की बर्बर हत्या के विरोध में उठाया गया है. जिसे मुस्लिम समुदाय ने सरकार की निष्क्रियता और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफलता के रूप में देखा. 26 मई 2025 को हुई इस घटना में, बंटवाल तालुक के कोलथमाजालु में कोलथमाजालु जुम्मा मस्जिद के सचिव अब्दुल रहीम और उनके सहयोगी कलंदर शफी पर बाइक सवार हमलावरों ने तलवार से हमला किया, जिसमें रहीम की मौके पर ही मौत हो गई और शफी घायल हो गए.
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में लापरवाही का आरोप
मंगलुरु के एक शादी हॉल में आयोजित आपातकालीन बैठक में, मुस्लिम नेताओं ने सिद्धारमैया सरकार पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. इस बैठक में दक्षिण कन्नड़ अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष शाहुल हामिद को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया. मंगलुरु के पूर्व मेयर के. अशरफ, जो दक्षिण कन्नड़ जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष थे, उन्होंने भी सांप्रदायिक हिंसा और घृणा अपराधों को रोकने में सरकार की विफलता का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया. नेताओं ने मांग की कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पार्टी कार्यालयों में नहीं लौटेंगे.
सियासत में आया भूचाल
इस घटना ने कर्नाटक की सियासत में भूचाल ला दिया है. मुस्लिम समुदाय में गहरा आक्रोश है, और नेताओं ने सरकार पर ‘दिखावटी प्रचार’ और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा न करने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, जिन्हें अक्सर अल्पसंख्यक हितैषी नेता माना जाता है, उन्होंने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं. कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बताया कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और मंगलुरु, उडुपी और शिवमोग्गा में सांप्रदायिक हिंसा से निपटने के लिए एक एंटी-कम्यूनल टास्क फोर्स तैनात की गई है. इसके बावजूद, मुस्लिम समुदाय का असंतोष बना हुआ है.
निजी रंजिश या कुछ और ?
कुछ नेताओं ने इस हत्या को हाल ही में दक्षिणपंथी विचारधारा के व्यक्ति सुहास शेट्टी की हत्या से जोड़कर प्रतिशोधात्मक हिंसा का मामला बताया है. मंगलुरु में सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए कर्फ्यू लागू किया गया है. महत्वपूर्ण स्थानों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. प्रभारी मंत्री दिनेश गुंडू राव ने दावा किया कि हत्या का कारण निजी रंजिश थी, लेकिन मुस्लिम नेताओं ने इस बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे वापस लेने की मांग की.
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इस सामूहिक इस्तीफे ने सिद्धारमैया सरकार की स्थिरता पर सवाल खड़े किए हैं. कर्नाटक में मुस्लिम मतदाता, जो करीब 13% हैं, 40 विधानसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. कांग्रेस, जिसने 2023 के विधानसभा चुनाव में 135 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी, अब इस संकट के कारण अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन को खोने के जोखिम का सामना कर रही है. विपक्षी दल, विशेष रूप से बीजेपी, इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं, जिससे सिद्धारमैया सरकार पर संकट और गहरा सकता है.
