Sharda University Student Suicide: ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में डेंटल सर्जरी की सेकंड ईयर की छात्रा ज्योति शर्मा ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. 21 साल की ज्योति शर्मा हापुड़ की रहने वाली थी. उन्होंने शुक्रवार, 18 जुलाई 2025 की शाम अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा लिया. ज्योति ने अपने सुसाइड नोट में महेंद्र सर और शैरी मैम पर गंभीर आरोप लगाए थे, और अब इस मामले में यूनिवर्सिटी के डीन और एचओडी समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
उस दिन क्या हुआ था?
शुक्रवार शाम करीब 7 बजे का वक्त था. शारदा यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल मंडेला की 12वीं मंजिल पर एक दिल चीर देने वाला दृश्य सामने आया. ज्योति शर्मा का शव उनके कमरे में पंखे से लटका हुआ मिला. उस समय ज्योति अपने कमरे में अकेली थीं, क्योंकि उनकी रूममेट्स बाहर गई हुई थीं. एक सहपाठी छात्रा जब ज्योति के कमरे के पास पहुंची, तो उसने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद था. किसी तरह दरवाजा खुला और सामने का भयावह दृश्य देखकर वह सन्न रह गई. ज्योति फंदे पर लटकी थीं. उसने बिना देर किए हॉस्टल वार्डन और पुलिस को इसकी सूचना दी.
पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचा. ज्योति के शव को फंदे से उतारकर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. इस बीच, ज्योति के कमरे से मिला सुसाइड नोट यूनिवर्सिटी में आग की तरह फैल गया. नोट में ज्योति ने अपने मानसिक दबाव और शिक्षकों द्वारा किए गए कथित उत्पीड़न का जिक्र किया था, जिसने उन्हें यह भयानक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया.
सुसाइड नोट में लिखी दर्दभरी दास्तां
ज्योति का सुसाइड नोट इस पूरी घटना का सबसे अहम हिस्सा है. इसमें उन्होंने साफ तौर पर महेंद्र सर और शैरी मैम को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था. ज्योति ने लिखा कि इन शिक्षकों ने उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया. छात्रों के अनुसार, ज्योति पर एक फाइल पर फर्जी हस्ताक्षर करने का दवाब डाला गया था. जब ज्योति ने ऐसा करने से मना किया, तो उन्हें लगातार तीन दिन, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को प्री क्लिनिकल प्रोस्थोडॉट (PCP) डिपार्टमेंट से बाहर निकाल दिया गया. उनकी फाइल को HOD को सौंप दिया गया.
ज्योति की एक सहपाठी ने बताया, “वह गुरुवार को बहुत रो रही थी. उसे फेल करने की धमकी दी जा रही थी. उसने हमें बताया कि उसे बहुत डर लग रहा है.” ज्योति के माता-पिता सोमवार को यूनिवर्सिटी आने वाले थे, तब जाकर उनकी फाइल वापस मिलनी थी. लेकिन तब तक ज्योति मानसिक रूप से इतनी टूट चुकी थीं कि उन्होंने इंतजार नहीं किया और अपनी जान ले ली. सुसाइड नोट में लिखे गए इन गंभीर आरोपों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन और शिक्षकों पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं.
छात्रों का जोरदार विरोध प्रदर्शन
ज्योति की आत्महत्या की खबर फैलते ही यूनिवर्सिटी में हंगामा मच गया. सैकड़ों छात्र रात में हॉस्टल के बाहर इकट्ठा हो गए और यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी शुरू कर दी. “शारदा फैकल्टी हाय-हाय”, “न्याय दो, न्याय दो”, और “वी वांट जस्टिस” जैसे नारे पूरे कैंपस में गूंजने लगे. छात्रों ने जुलूस निकाला और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट को ज्योति की मौत का सीधा जिम्मेदार ठहराया.
शनिवार की सुबह, ज्योति की मां, बबीता शर्मा, और अन्य छात्रों ने यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना देना शुरू कर दिया. ज्योति की मां ने रोते हुए कहा, “मेरी बेटी को मारकर लटकाया गया है. जब तक यूनिवर्सिटी सीज नहीं होती, हम यहां से नहीं हटेंगे.” छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी में न तो सुरक्षा की कोई उचित व्यवस्था है और न ही भोजन की गुणवत्ता अच्छी है. एक छात्रा, नव्या, ने बताया, “जब हम अस्पताल पहुंचे, तो ज्योति का शरीर नीला पड़ चुका था. वार्डन ने कोई जवाब नहीं दिया. यहां न सिक्योरिटी अच्छी है, न खाना.”
लपेटे में डीन-एचओडी
ग्रेटर नोएडा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. ज्योति के परिवार की शिकायत के आधार पर पहले दोनों आरोपी शिक्षकों, महेंद्र और शैरी को गिरफ्तार कर लिया गया. ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर दो लोगों को हिरासत में लिया गया था. हालांकि, जांच के दौरान यह सामने आया कि कुछ और लोग भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं.
इसी के चलते, पुलिस ने बुधवार को शारदा यूनिवर्सिटी के बीडीएस डिपार्टमेंट की डीन और एचओडी समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस ने महेंद्र को बुधवार को गिरफ्तार किया था और शैरी को शुक्रवार को हिरासत में लिया था.
