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RSS चीफ मोहन भागवत से 45 मिनट तक ‘मामा’ की गुपचुप मुलाकात…क्या BJP अध्यक्ष की रेस में आगे हैं शिवराज सिंह चौहान?

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बंद कमरे में मुलाकात, क्या-क्या हुई बात?

Shivraj Singh Meet Mohan Bhagwat: क्या मध्य प्रदेश के ‘मामा’ शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) अब भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी की ओर बढ़ रहे हैं? यह सवाल दिल्ली के सियासी गलियारों में तूफान की तरह गूंज रहा है. रविवार शाम को दिल्ली के झंडेवालान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की 45 मिनट की मुलाकात ने इस चर्चा को और हवा दे दी है. आइए, समझते हैं कि आखिर माजरा क्या है…

क्या है इस मुलाकात का मतलब?

25 अगस्त 2025 की शाम को दिल्ली का मौसम सुहाना था, लेकिन सियासी हलकों में गर्माहट का माहौल था. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान RSS के मुख्यालय केशवकुंज पहुंचे. वहां उनकी मुलाकात RSS चीफ मोहन भागवत से हुई. यह मुलाकात आम नहीं थी. करीब 45 मिनट तक चली इस गुपचुप बैठक ने सियासी पंडितों के कान खड़े कर दिए. सूत्रों की मानें तो यह मुलाकात BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ी हो सकती है, जो सितंबर 2025 में होने वाला है. शिवराज और मोहन भागवत की यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि दोनों के बीच ऐसी लंबी बातचीत लगभग दो साल बाद हुई. BJP और RSS के बीच तालमेल को लेकर अक्सर चर्चाएं होती रहती हैं, और इस बार शिवराज का नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे आ गया है. क्या यह मुलाकात शिवराज के लिए हरी झंडी थी या फिर यह सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात थी? सवाल कई हैं, लेकिन जवाब की तलाश अभी भी है.

मुलाकात से पहले और बाद की कहानी

शिवराज सिंह चौहान रविवार को दिल्ली में काफी व्यस्त रहे. मुलाकात से पहले वह प्रगति मैदान के भारत मंडपम में गायत्री परिवार के एक कार्यक्रम में शामिल हुए. मंच पर उनके साथ केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और गायत्री परिवार के डॉ. चिन्मय पंड्या भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम में शिवराज ने अपनी सादगी और गहरी बातों से सबका दिल जीता. लेकिन जैसे ही कार्यक्रम खत्म हुआ, वह सीधे RSS कार्यालय की ओर रवाना हो गए. मोहन भागवत के साथ बैठक के बाद शिवराज बिना रुके दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए निकल गए. अगले दिन, यानी 25 अगस्त 2025 को वह भोपाल में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (IISER) के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए.

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BJP अध्यक्ष की रेस में क्यों शिवराज?

BJP में पिछले एक साल से राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चा है. जेपी नड्डा के कार्यकाल के बाद पार्टी नए चेहरे की तलाश में है, लेकिन RSS और BJP नेतृत्व के बीच तालमेल की कमी के चलते यह प्रक्रिया बार-बार अटक रही थी. अब शिवराज सिंह चौहान का नाम इस रेस में इसलिए मजबूत माना जा रहा है क्योंकि वह न सिर्फ एक अनुभवी नेता हैं, बल्कि RSS के साथ उनके रिश्ते भी पुराने और मजबूत हैं. शिवराज का राजनीतिक सफर भी उनकी दावेदारी को और वजन देता है. मध्य प्रदेश में 17 साल तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड, जनता के बीच उनकी लोकप्रियता और अब केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में उनका काम…ये सब उन्हें एक मजबूत दावेदार बनाते हैं. ऊपर से मोहन भागवत के साथ उनकी यह ताजा मुलाकात इस बात का इशारा है कि RSS भी शायद शिवराज को इस बड़े रोल के लिए तैयार मान रहा है.

सितंबर में क्या होगा?

BJP और RSS की कोशिश है कि 28 सितंबर 2025 से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पूरा हो जाए. 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद इस दिशा में तेजी आने की उम्मीद है. सियासी हलकों में यह भी चर्चा है कि शिवराज के अलावा कुछ और नाम भी रेस में हैं, लेकिन उनकी यह मुलाकात उनके पक्ष में एक बड़ा दांव मानी जा रही है.

क्या कहते हैं सियासी पंडित?

सियासी जानकारों का मानना है कि शिवराज की सादगी, संगठन में उनकी पकड़ और RSS के साथ उनका पुराना नाता उन्हें इस रेस में सबसे आगे रखता है. साथ ही, वह मध्य भारत से आते हैं, जो BJP के लिए एक रणनीतिक क्षेत्र है. लेकिन कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि यह मुलाकात सिर्फ औपचारिक हो सकती है, और BJP कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने ला सकती है.

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