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अमेरिकी जनरल का चौंकाने वाला बयान, आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को बताया ‘शानदार साझेदार’

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माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान आतंकवाद विरोध में सहयोगी बताया

America: अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला (Michael Kurilla) ने हाल ही में एक बयान में पाकिस्तान (Pakistan) को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘शानदार साझेदार’ बताया है. अमेरिकी जनरल के इस बयान ने भारत में विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि पाकिस्तान पर लंबे समय से आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. कुरिल्ला ने कहा- ‘पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अपनी क्षमता के हिसाब से लड़ रहा है और इस मामले में अमेरिका का अभूतपूर्व सहयोगी रहा है.’

पाक को बताया आतंक के खिलाफ शानदार साथी

अमेरिकी जनरल कुरिल्ला ने आतंक को पनाह देने वाले देश पाकिस्तान को ही आतंक के खिलाफ अपना साथी बता दिया है. अमेरिकी जनरल ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ साझेदारी के माध्यम से अमेरिका ने ISIS-K (खुरासान) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसके दर्जनों सदस्यों को मार गिराया है. अब अमेरिका ने दावा किया है कि पाकिस्तान ने खुफिया जानकारी के लिए अमेरिका से संबंध के माध्यम से ISIS-K के पांच शीर्ष कमांडर को पकड़ा है.

असीम मुनीर पर बोले कुरिल्ला

अमेरिकी जनरल कुरिल्ला ने पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर का भी जिक्र किया. कुरिल्ला ने कहा कि असीम मुनीर ने फोन करके कहा था कि उसने ISIS-K के आतंकवादी मोहम्मद शरीफुल्लाह (जफर) को पकड़ लिया है. उसे अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था. शरीफुल्लाह की 26 अगस्त 2021 को काबुल में एयरपोर्ट के पास बम विस्फोट में भूमिका मानी जाती है.

भारत और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर टिप्पणी

कुरिल्ला ने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संबंधों की वकालत करते हुए कहा- ‘हमें पाकिस्तान और भारत दोनों से संबंध रखने होंगे. यह कोई बाइनरी विकल्प नहीं है. हमें संबंधों को उनके गुणों के आधार पर देखना चाहिए.’ इस बयान को भारत में कूटनीतिक झटके के रूप में देखा है, विशेष रूप से हाल के भारत-पाक तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के बाद.

भारत में बयान पर प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस बयान को भारत के लिए कूटनीतिक झटका करार दिया और सवाल उठाया कि क्या सरकार इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी. उन्होंने कहा- ‘पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियान में शानदार साझेदार बताने वाला बयान भारत के लिए अपमानजनक है.’ सोशल मीडिया पर भी इस बयान की कड़ी आलोचना हो रही है, जहां कई यूजर्स ने इसे अमेरिका की दोहरी नीति का उदाहरण बताया.

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भारत-पाक तनाव का संदर्भ

हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा था, जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. इस ऑपरेशन के बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ, जिसे अमेरिका ने अपनी मध्यस्थता का परिणाम बताया.

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