Shubhanshu Shukla: शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं. जिन्होंने 25 जून को Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखकर इतिहास रच दिया. 41 साल बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय के रूप में, उनकी उपलब्धि ने देश को गौरवान्वित किया है. ऐसे में आज हर कोई ये जानना चाहता है कि Axiom-4 मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला को कितनी सैलरी मिलने वाली है और उनका नेटवर्थ क्या है?
शुभांशु शुक्ला का बैकग्राउंड
शुभांशु शुक्ला एक अनुभवी भारतीय वायुसेना के पायलट हैं. जिनके पास फ्रंटलाइन विमानों में 2000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है. उन्होंने रूस के गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर, नासा और इसरो में प्रशिक्षण प्राप्त किया है. वह इसरो के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं, जो 2027 में भारत का पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन होगा.
शुभांशु शुक्ला की सैलरी
Axiom-4 मिशन के लिए शुभांशु शुक्ला की सैलरी के बारे में हर कोई जानना चाहता है. इस सवाल का जवाब है कुछ नहीं. जी हां, शुभांशु को इस मिशन के लिए कोई अतिरिक्त सैलरी नहीं मिलेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि शुभांशु भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं और इस मिशन को भारत सरकार और इसरो (ISRO) द्वारा प्रायोजित किया गया है. उनकी नियमित सैलरी, जो एक ग्रुप कैप्टन के स्तर की है वहीं उन्हें दी जाएगी.
ग्रुप कैप्टन की सैलरी: भारतीय वायुसेना में एक ग्रुप कैप्टन की मासिक सैलरी 7वें वेतन आयोग के अनुसार लगभग ₹1.3 लाख से ₹2.2 लाख तक हो सकती है, जिसमें बेसिक पे, ग्रेड पे, और अन्य भत्ते शामिल हैं. हालांकि, अंतरिक्ष मिशन जैसे विशेष असाइनमेंट के लिए अतिरिक्त भत्ते या प्रोत्साहन राशि दी जा सकती है, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
शुभांशु शुक्ला की नेटवर्थ
शुभांशु शुक्ला की नेटवर्थ के बारे में अब बात करें तो कोई ठोस और आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. उनकी आय का मुख्य स्रोत उनकी भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के रूप में सैलरी है. कई मीडिया रिपोर्ट्स के यह दावा किया गया है कि शुभांशु की कुल संपत्ति लगभग ₹40-64 करोड़ के बीच हो सकती है. सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, अलीगंज, लखनऊ से पढ़ाई करने वाले शुभांशु शुक्ला ने 2006 में भारतीय वायु सेना (IAF) में कमीशन प्राप्त करके अपने सैन्य करियर की शुरुआत की.
उन्होंने 16 साल से अधिक की अपनी सेवा अवधि में एक कुशल लड़ाकू पायलट के रूप में 2,000 से अधिक उड़ान घंटे पूरे किए. उनकी प्रतिभा का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उन्होंने यूपीएससी एनडीए परीक्षा भी पास की है.
यह भी पढ़ें: CG News: पंचतत्व में विलीन हुए पद्मश्री सुरेंद्र दुबे, अंतिम विदाई देने पहुंचे कुमार विश्वास ने साझा की यादें
Axiom-4 मिशन में शुभांशु की अहमियत
शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के तहत ISS पर पहुंचकर भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है. ISS पर पहली बार किसी भारतीय ने कदम रखा है. इस मिशन के दौरान शुभांशु सात प्रयोगों का नेतृत्व करेंगे, जिनमें अंतरिक्ष में भोजन और माइक्रोग्रैविटी पर शोध शामिल है.
यह मिशन भारत के गगनयान मिशन (2027) के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि शुभांशु का अनुभव भारत के स्वदेशी मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को मजबूत करेगा. शुभांशु ने अपने पहले संदेश में कहा- ‘मेरे कंधों पर तिरंगा है, जो मुझे बताता है कि मैं अकेला नहीं हूं, आप सभी मेरे साथ हैं.’
