SIR Controversy: भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में स्वच्छ और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक दिल्ली में बुलाई है. जो 10 सितंबर को होगी. इस बैठक में SIR सहित मतदाता सूची की शुद्धता, पारदर्शिता और अन्य महत्वपूर्ण चुनावी सुधारों पर चर्चा होगी. यह कदम हाल के विवादों और RTI के जवाबों में पारदर्शिता की कमी के आरोपों के बाद आया है, जिसने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं.
SIR पर चर्चा
चुनाव आयोग ने SIR को देशभर में एक साथ लागू करने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य मतदाता सूची से अपात्र, डुप्लिकेट, और मृत मतदाताओं के नाम हटाना और सभी पात्र नागरिकों को मतदाता सूची में शामिल करना है.
एसआईआर में भारतीय नागरिकों को शामिल करने के लिए अतिरिक्त दस्तावेजों का भी चुनाव आयोग ने सुझाव मांगा है. PPT के जरिए मौजूदा मतदाताओं की संख्या, पिछली SIR की तिथि व डेटा, डिजिटाइजेशन की स्थिति समेत कुल 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है.
मतदान केंद्रों का युक्तीकरण और कुल केंद्रों की संख्या पर रिपोर्ट देनी होगी. अधिकारियों और BLOs की नियुक्ति व प्रशिक्षण की स्थिति पर भी प्रजेंटेशन में फोकस होगा. बिहार में SIR की प्रक्रिया जारी है और यह 30 सितंबर तक पूरी होगी.
बिहार SIR और विवाद
हाल ही में बिहार में SIR की प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने आयोग पर पारदर्शिता की कमी और जल्दबाजी का आरोप लगाया है. RTI के जवाब में आयोग ने कहा कि SIR के निर्णय से संबंधित कोई फाइल या स्वतंत्र मूल्यांकन का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है, जिससे सवाल और गहरा गए हैं.
बैठक का लक्ष्य
आयोग इस बैठक में SIR की प्रक्रिया, दस्तावेज़ीकरण और कार्यान्वयन की तारीख पर अंतिम फैसला लेगा. अतिरिक्त दस्तावेज़ों की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श होगा.
यह भी पढ़ें: अवैध खनन, वायरल कॉल और सियासी ड्रामा…अजित पवार से बहस के बाद चर्चा में आई IPS अंजना कृष्णा की पूरी
मतदाता सूची की शुद्धता
आयोग ने मतदाता सूचियों की सटीकता बढ़ाने और मतदान प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं. इसमें मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा शामिल है, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल उपयोग के बढ़ते चलन को ध्यान में रखकर लागू की गई है.
आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे मतदाता पंजीकरण से संबंधित लंबित मुद्दों को हल करने के लिए जमीनी स्तर पर सहयोग करें, ताकि कोई भी पात्र मतदाता वोटर लिस्ट से न छूटे.
