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1983 में भारतीय नागरिकता, फिर 1980 में वोटर कैसे बन गईं सोनिया गांधी? कोर्ट ने भेजा नोटिस

Delhi Rouse Avenue Court issues notice to Sonia Gandhi in legal case

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

Congress Leader Legal Case: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट से नोटिस मिला है. जिसकी सुनवाई 6 जनवरी 2026 को होगी. भारतीय नागरिकता के बिना मतदाता सूची में नाम शामिल कराने के आरोपों पर वकील विकास त्रिपाठी ने रिवीजन पिटीशन दाखिल किया था. कोर्ट ने सोनिया गांधी के अलावा दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी कर TCR मंगवाया है.

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप है कि उनका नाम दिल्ली विधानसभा की 1980 की वोटर लिस्ट में शामिल है, जबकि उन्हें 1983 में भारतीय नागरिकता मिली. इस संबंध में दायर याचिका पर कोर्ट ने सोनिया गांधी को नोटिस भेजा है. हालांकि इस मामले में एक याचिका खारिज हो चुकी है. सोनिया गांधी को यह नोटिस उस दौरान मिला, जब संसद में चुनाव सुधार के मुद्दों पर बहस होनी है.

फर्जी दस्तावेज से माध्यम से नाम जुड़वाने का आरोप

सोनिया गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने खारिज कर दिया था, जिसे याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि वोटर लिस्ट में पहले नाम जुड़वाना और बाद में नागरिकता पाना यह दर्शाता है कि पहली बार नाम जोड़ने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया गया होगा.

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दूसरी बार दायर की है याचिका

याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने याचिका में बताया कि यह मामला अपराध का है इसमें प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. विकास ने यह दूसरी बार याचिका दायर की है. पहली बार उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में सोनिया गांधी के साथ ही दिल्ली पुलिस को भी नोटिस जारी किया है.

याचिकाकर्ता ने लगाया आरोप?

याचिकाकर्ता विकास त्रिपाठी ने आरोप लगाते हुए कहा कि उनका नाम 1980 की वोटर लिस्ट में कैसे आया, जबकि उन्होंने 1983 में भारतीय नागरिकता पाईं. इसके अलावा उनका नाम जोड़ने के बाद फिर 1982 में डिलीट कर दिया गया, आखिर क्यों? इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 6 जनवरी 2026 की डेट तय की है.

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