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हवाई अड्डों के आसपास से हटाए जाएँगे ऊंचे पेड़, ऊंची इमारतों पर भी होगी कार्रवाई, उड्डयन मंत्रालय ने तैयार किया ड्राफ्ट

Draft Ready for Airport Area

हवाई अड्डा क्षेत्र के लिए मसौदा नियम तैयार

Draft for Airport Area: 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड के बाद क्रैश कर जाती है. एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, वन बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, बीजे मेडिकल कॉलेज और सिविल अस्पताल के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में विमान में सवार 241 सहित 275 लोगों की मौत हो गई थी. इस भयावह घटना ने भारत में विमानन सुरक्षा और हवाई अड्डों के आसपास की संरचनाओं के नियमन पर गंभीर सवाल उठाए. अब इन सवालों को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए नए मसौदा (Draft) नियम, एयरक्राफ्ट (डिमॉलिशन ऑफ ऑब्सट्रक्शन्स) रूल्स, 2025, जारी किए.

नए मसौदा नियमों में क्या कुछ…

नए ड्राफ्ट नियमों का मुख्य उद्देश्य हवाई अड्डों के आसपास ऊंची इमारतों, पेड़ों, या अन्य संरचनाओं को नियंत्रित करना है. जो विमानन सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. ये नियम विशेष रूप से उन संरचनाओं पर नजर रखेंगे जो हवाई अड्डों के आसपास निर्धारित ऊंचाई सीमा का उल्लंघन करती हैं. मंत्रालय ने इस ड्राफ्ट के तहत निम्नलिखित प्रमुख प्रावधान प्रस्तावित किए हैं:

नोटिस और कार्रवाई: यदि कोई संरचना निर्धारित ऊंचाई सीमा का उल्लंघन करती है, तो हवाई अड्डे के प्रभारी अधिकारी द्वारा मालिक को नोटिस जारी किया जाएगा. मालिक को 60 दिनों के भीतर संरचना के आयाम और साइट प्लान सहित विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करनी होगी.

तत्काल कार्रवाई: यदि मालिक नोटिस का पालन नहीं करता, तो प्राधिकरण संरचना की ऊंचाई कम करने या पेड़ों की छंटाई जैसे कदम उठा सकते हैं. गंभीर मामलों में, ऐसी संरचनाओं को ध्वस्त भी किया जा सकता है.

भौतिक सत्यापन: इसके लिए अधिकारियों को मालिक को सूचित करने के बाद दिन के उजाले में परिसर में प्रवेश करने का अधिकार है। भवन का मालिक यदि असहयोग करता है, तो अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर आगे बढ़ सकते हैं और मामले को डीजीसीए को भेज सकते हैं।

सार्वजनिक राय: मंत्रालय ने जनता से 20 दिनों के भीतर इस ड्राफ्ट पर सुझाव या आपत्तियां मांगी हैं, जिन्हें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को भेजा जा सकता है.

अहमदाबाद हादसे का प्रभाव

अहमदाबाद में हुई यह दुर्घटना भारत की सबसे घातक विमान दुर्घटनाओं में से एक है, जिसने 275 से अधिक लोगों की जान ले ली. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मलबे की जांच और ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की बरामदगी ने जांच को गति दी है. भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (NTSB) और यूके के विशेषज्ञ भी जांच में शामिल हैं. इस हादसे ने हवाई अड्डों के आसपास अवैध निर्माण और ऊंची संरचनाओं के खतरों को उजागर किया, जिसके परिणामस्वरूप मंत्रालय ने तत्काल कार्रवाई की.

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अन्य सुरक्षा उपाय

हादसे के बाद, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और DGCA ने कई तत्काल कदम उठाए गए हैं.

बोइंग 787 की जांच: DGCA ने एयर इंडिया के पूरे बोइंग 787 बेड़े की विशेष जांच का आदेश दिया, जिसमें ईंधन और इंजन नियंत्रण प्रणालियों की जांच शामिल है. अब तक, 33 में से 8 विमानों की जांच पूरी हो चुकी है.

पायलट प्रशिक्षण रिकॉर्ड: DGCA ने दुर्घटनाग्रस्त विमान के पायलटों और डिस्पैचर के प्रशिक्षण रिकॉर्ड की विस्तृत जांच का अनुरोध किया है.

उड़ान रद्दीकरण: सुरक्षा जांच के कारण एयर इंडिया ने अपने 15% अंतरराष्ट्रीय वाइडबॉडी उड़ानों को मध्य जुलाई तक रद्द कर दिया है.

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