BEST Election 2025: मुंबई की सड़कों पर बसें दौड़ाने वाली बेस्ट (BEST) की कर्मचारी सहकारी क्रेडिट सोसाइटी के 2025 के चुनाव में ठाकरे बंधुओं को तगड़ा झटका लगा है. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे पहली बार एक साथ मिलकर चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन अपने उत्कर्ष पैनल के साथ पूरी तरह फिसड्डी साबित हुए. 21 सीटों की इस जंग में उनका पैनल एक भी सीट नहीं जीत पाया.
एक भी उम्मीदवार को जीत नहीं दिला पाए ठाकरे बंधु
मुंबई की राजनीति में ठाकरे नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं. उद्धव ठाकरे की शिवसेना और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने इस बार हाथ मिलाया और बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी के चुनाव में उत्कर्ष पैनल के तहत उम्मीदवार उतारे. यह गठबंधन इसलिए भी खास था क्योंकि दोनों भाई पहली बार एक साथ किसी चुनावी रण में कूदे थे.
मकसद था बेस्ट की सत्ता पर कब्जा और आगामी मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों के लिए एक मजबूत संदेश देना. लेकिन उनका पैनल पूरी तरह साफ हो गया. 18 अगस्त को वोटिंग हुई थी. मुंबई की बारिश ने मतगणना को थोड़ा ड्रामाई बना दिया, क्योंकि भारी बारिश की वजह से गिनती मंगलवार देर रात तक टल गई. जब नतीजे आए, तो शशांकराव पैनल ने 14 सीटों पर धमाकेदार जीत दर्ज की, जबकि महायुति समर्थित सहकार समृद्धि पैनल ने 7 सीटें झटक लीं. ठाकरे बंधुओं का उत्कर्ष पैनल बस तमाशा देखता रह गया.
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9 साल की बादशाहत का अंत
शिवसेना पिछले 9 साल से बेस्ट क्रेडिट सोसाइटी पर राज कर रही थी. यह सोसाइटी बेस्ट के कर्मचारियों के लिए एक अहम मंच है, जहां उनकी आर्थिक और सामाजिक जरूरतों का ध्यान रखा जाता है. लेकिन इस बार हवा का रुख कुछ और था. शशांकराव पैनल ने बाजी मारी और महायुति ने भी अपनी ताकत दिखाई. महायुति में बीजेपी विधायक प्रसाद लाड, प्रवीण दरेकर, नितेश राणे और शिंदे गुट की किरण पावस्कर जैसे दिग्गजों ने सहकार समृद्धि पैनल को सपोर्ट किया था. दूसरी ओर, ठाकरे बंधुओं ने अपनी बेस्ट कामगार सेना और कामगार कर्मकार सेना को एकजुट कर दम लगाया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात!
हार के मायने
यह हार सिर्फ एक चुनावी नतीजा नहीं, बल्कि ठाकरे बंधुओं की साख पर बड़ा सवाल है. दोनों भाइयों का गठबंधन BMC चुनावों के लिए एक रिहर्सल माना जा रहा था. लेकिन इस हार ने उनकी रणनीति पर पानी फेर दिया. अब सवाल यह है कि क्या यह गठबंधन BMC चुनावों में टिक पाएगा या फिर ठाकरे बंधुओं को अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करना होगा?
