INDIA Bloc Vs ECI: बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण(SIR) और वोटर वेरिफिकेशन को लेकर आज विपक्ष ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (CCI) में हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई(Gaurav Gogoi) ने कहा कि चुनाव आयोग हमारे सवालों का जवाब नहीं दे रहा है और अपनी जवाबदेही से भाग रहा है.
गौरव गोगोई ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कि थी लेकिन ये नहीं बताया कि SIR इतनी हड़बड़ी में क्यों हो रहा है.
‘चुनाव आयोग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है’
गौरव गोगोई ने कहा, ‘भारत के कई राजनीतिक दलों ने कई महत्वपूर्ण सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन केंद्रीय निर्वाचन आयोग कोई उत्तर नहीं दे रहा है. अपनी जिम्मदारी से भाग रहा है. हाल ही में बिहार SIR को लेकर सुप्रीम कोर्ट की एक राय आई थी. इसको लेकर चुनाव आयोग ने जितनी भी बातें रखीं, उसको सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया. इसके अलावा कल मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उनको आयोग की कमियां बतानी चाहिए थी और विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए था. लेकिन उन्होंने उल्टा राजनीतिक दलों पर सवाल उठाया और राजनीतिक दलों पर आक्रमण किया.
जबकि बेहतर ये होता कि वो बताते कि बिहार में ये SIR प्रॉसेस इतनी हड़बड़ी और जल्दबाजी में क्यों कर रहे हैं, लेकिन इन सभी प्रश्नों को लेकर वो मौन थे. उन्होंने नहीं बताया कि आखिर किस तरह से महाराष्ट्र में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बीच लगभग 70 लाख नए वोटर आ गए.
‘राहुल गांधी के फर्जी वोटर के सवाल पर भी चुनाव आयुक्त मौन थे’
गौरव गोगोई ने आगे कहा, ‘मुख्य चुनाव आयुक्त राहुल गांधी के सवाल पर भी मौन थे. वो इस बात पर भी मौन थे कि उन्हें लगभग एक लाख फर्जी वोटर महादेवपुरा में मिले. चुनाव आयुक्त ने पहले प्रेस नोट जारी किया था लेकिन जब देश ने प्रेस नोट को नकार दिया तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. संवैधानिक पद पर जो उनका कर्तव्य है कि निष्पक्ष चुनाव हो, लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को नकार दिया. इसलिए साफ तौर पर जाहिर होता है कि चुनाव आयोग कुछ ऐसे अधिकारियों के अंडर में है, जो निष्पक्ष नहीं बल्कि किसी एक का पक्ष ले रहे हैं.’
‘एफिडेविट देने के बाद भी चुनाव आयोग ने कार्रवाई नहीं की’
वहीं सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, ‘चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा है कि जो आरोप लगाए हैं उसका एफिडेविट देना होगा. उत्तर प्रदेश में 2022 विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने कहा था कि वोट काटे गए हैं. तब भी चुनाव आयोग ने कहा था कि एफिडेविट के माध्यम से बताइए. सपा ने 18000 वोटर्स का एफिडेविट दिया था लेकिन आज तक चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की. 2024 के चुनाव में भी उन्होंने BLOs को बदल दिया. इसकी भी हमने शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. चुनाव आयोग हमेशा से विपक्ष की शिकायतों को नजरअंदाज करता रहा है. BJP सरकार और चुनाव आयोग की मंशा साफ है कि कैसे लोगों से वोट का अधिकार छीन लिया जाए.’
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