Pahalgam Terror Attack: पहलगाम की बैसरन घाटी को मिनी स्विट्जरलैंड कहते हैं. ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है. आप वहां से गुजरेंगे तो लगेगा कि बस इस जगह से खूबसूरत कुछ धरती पर हो ही नहीं सकता है. लेकिन आज बैसरन की वादी को आतंकियों ने पर्यटकों के खून से लाल कर दिया. इनमें कई पर्यटक तो ऐसे थे जो शादी के बाद हनीमून पर आए थे. उन्हें क्या पता था कि जिनके घर अभी शादी की शहनाइयों की गूंज ठीक से थमी नहीं, वहां मातम पसर जाएगा.
कायर आतंकियों ने भेलपूरी खा रहे पर्यटकों से उनका धर्म पूछा, कलमा पढ़वाया, आधार चेक किया और फिर गोलियों से छलनी कर दिया. चंद दिनों पहले ही जिन दुल्हनों की मांग सिंदूर से भरी थी, उनके सामने ही आतंकियों ने उनका सुहाग छीन लिया था.
हमास जैसे हमले का दिखा पैटर्न
बैसरन की हरी-भरी ढलानों पर अचानक गोलियों की बौछार से चारों ओर मौत ही मौत नजर आ रही थी. देखते ही देखते आतंकियों ने 28 मासूम लोगों को मौत की नींद सुला दिया था. यह आतंकी हमला 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए हमास के हमले जैसा नजर आता है. हमास के इस हमले ने तब इजरायल समेत पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. हमास के आतंकियों ने इजरायल में 1200 लोगों को मार दिया था. इसमें कई इजरायली रेइम के पास नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में शामिल हुए थे. आतंकियों ने इनको भी नहीं बख्शा था. इसके अलावा हमास आतंकियों ने कई महिलाओं समेत 250 इजरायलियों को बंधक बना लिया था.
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पहचान पूछकर मारी गोली
हमास के आतंकियों ने चुन-चुनकर यहूदियों को मारा था. कुछ ऐसा ही पैटर्न पहलगाम में देखने को मिला है, जहां खुशी के पल गुजार रहे बेगुनाह लोगों को आतंकियों ने मार दिया. इसमें मजहब के नाम पर टारगेट किलिंग भी नजर आ रही है, जहां आतंकियों ने लोगों से उनका नाम पूछकर कन्फर्म किया कि वे हिंदू हैं या मुस्लिम. कई लोगों की पहचान के लिए आतंकियों ने उनका आधार भी चेक किया.
इस कायराना हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है, जो पाकिस्तान के पैसों से कश्मीर की शांति को छीनने की कोशिश कर रहा है. ये आतंकी संगठन आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही कश्मीर में सक्रिय है और इसका सरगना पाकिस्तान में बैठकर भारत में आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए आतंकियों को निर्देश देता है.
पहलगाम एक टूरिस्ट स्पॉट है जहां बड़ी संख्या में देश-विदेश के लोग घूमने और क्वालिटी टाइम बिताने आते हैं. यह काफी शांत इलाका माना जाता है और यही वजह थी कि यहां पर सुरक्षा के वैसे इंतजाम नहीं थे जैसे कश्मीर के अन्य इलाकों में होते हैं. कायर आतंकियों ने इसी का फायदा उठाया और 28 लोगों को मार डाला.
कश्मीर को अशांत करने की नापाक हरकत
आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद कश्मीर की विकास की राह पर लौटने लगा है. यहां सिनेमाघर खुलने लगे हैं, बाजारों में रौनक देखने को मिलती है. कश्मीर घूमने जाने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. घाटी में शांति बहाली के लिए सरकार ने काफी काम किया है लेकिन ये सब सीमा पार के दुश्मनों को रास नहींं आ रहा है और कश्मीर को अशांत करने के लिए एक बार फिर पाकिस्तान ने टीआरएफ जैसे आतंकी संगठन को आगे किया है, ताकि लोगों में डर का माहौल बने.
