Udaipur News: क्या आपने कभी सोचा है कि प्यार, भरोसा और रिश्ते की बुनियाद पर टिका रिश्ता भी नफरत और क्रूरता की हद तक जा सकता है? उदयपुर, राजस्थान से आई एक खबर सुनकर आप भी कांप उठेंगे. यह कहानी न सिर्फ एक अपराध की है, बल्कि समाज की उस कड़वी सच्चाई को दिखाती है, जहां रंग और खूबसूरती को लेकर होने वाले भेदभाव ने एक हंसती-खेलती जिंदगी को हमेशा के लिए खत्म कर दिया.
प्यार नहीं, ताने थे इस रिश्ते की बुनियाद
बात साल 2017 की है. राजस्थान के उदयपुर के रहने वाले किशन लाल और उसकी पत्नी लक्ष्मी की जिंदगी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. शादी के बाद से ही किशन अपनी पत्नी को ‘काली’ और ‘मोटी’ कहकर लगातार ताने मारता था. वह लक्ष्मी को हमेशा अपमानित करता था, मानो उसकी जिंदगी का मकसद ही उसे मानसिक पीड़ा देना हो. लक्ष्मी यह सब सहती रही, लेकिन उसे क्या पता था कि उसके पति की नफरत की आग एक दिन उसे ही जलाकर राख कर देगी.
सुंदरता का लालच और खौफनाक साजिश
24 जून 2017 की रात, किशन ने एक ऐसी चाल चली, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया. उसने लक्ष्मी से कहा कि वह उसे गोरा बनाने वाली एक खास ‘क्रीम’ लगाएगा. लक्ष्मी ने शायद उम्मीद की होगी कि अब उसका पति उसे पसंद करेगा. लेकिन यह क्रीम नहीं, बल्कि तेजाब था.
किशन ने लक्ष्मी के शरीर पर तेजाब डाला और फिर जलती हुई अगरबत्ती से उसके शरीर को दागने लगा. तेजाब और आग का वो खौफनाक मेल… लक्ष्मी की चीखें पूरे गांव में गूंज उठीं, लेकिन कोई उसे बचा नहीं पाया. दर्द और लपटों के बीच लक्ष्मी ने वहीं दम तोड़ दिया. यह पति की क्रूरता की इंतहा थी.
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न्याय की लंबी लड़ाई
इस दर्दनाक घटना के बाद, पुलिस ने तुरंत किशन को गिरफ्तार किया. अपर जिला एवं सत्र न्यायालय में केस चला. 8 साल तक चली इस कानूनी लड़ाई में लोक अभियोजक दिनेश चंद्र पालीवाल ने एक भी मौका नहीं छोड़ा. 14 गवाहों और 36 दस्तावेजों ने यह साबित कर दिया कि यह एक सोची-समझी साजिश थी.
31 अगस्त 2025 को जज राहुल चौधरी ने अपना फैसला सुनाया. उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के मुंह पर एक तमाचा है.” कोर्ट ने किशन को फांसी की सजा सुनाई और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
यह फैसला उन सभी लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है जो महिलाओं को उनकी खूबसूरती, रंग या शारीरिक बनावट के आधार पर आंकते हैं. हिंसा सिर्फ शारीरिक नहीं होती, मानसिक प्रताड़ना भी उतनी ही खतरनाक होती है.
