US Tariff On India: अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है. पहले यह टैरिफ 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होने वाला था, लेकिन अब यह 7 अगस्त, 2025 से लागू होगा. यह निर्णय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) के तहत लिया गया, जिसमें लगभग 70 देशों पर नए टैरिफ की घोषणा की गई थी. भारत पर यह टैरिफ रूस के साथ तेल और सैन्य उपकरणों के व्यापार के कारण अतिरिक्त दंड के साथ लागू किया जा रहा है.
टैरिफ स्थगन का कारण
द्विपक्षीय व्यापार वार्ता: अमेरिका और भारत के बीच महीनों से व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) पर चर्चा चल रही है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ. इस स्थगन को भारत के साथ व्यापार वार्ता को और समय देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
ट्रंप की रणनीति: ट्रंप प्रशासन ने भारत पर दबाव बनाने के लिए टैरिफ की घोषणा की थी, ताकि भारत अमेरिकी सामानों के लिए अपने बाजार को और खोले. यह स्थगन भारत को वार्ता में रियायत देने का अवसर प्रदान कर सकता है.
रूस के साथ व्यापार: ट्रम्प ने भारत के रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर आपत्ति जताई है, जिसे उन्होंने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में रूस के युद्ध प्रयासों को समर्थन देने वाला माना है.
टैरिफ का दायरा और प्रभाव
प्रभावित क्षेत्र: टैरिफ का असर भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों जैसे ऑटोमोबाइल, स्टील, एल्यूमिनियम, रत्न और आभूषण, और वस्त्र पर पड़ने की संभावना है. हालांकि, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर्स और कुछ ऊर्जा उत्पादों को छूट दी गई है.
आर्थिक प्रभाव: अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि यदि यह टैरिफ वित्तीय वर्ष 2026 तक लागू रहता है, तो भारत के जीडीपी पर 0.2% से 0.5% तक का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक के निर्यात केंद्र और MSME सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान: भारत को वियतनाम (20% टैरिफ) और इंडोनेशिया (19% टैरिफ) जैसे देशों की तुलना में प्रतिस्पर्धी नुकसान हो सकता है, जिन पर कम टैरिफ लगाए गए हैं.
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भारत की प्रतिक्रिया
सरकारी रुख: भारत सरकार ने इस टैरिफ की घोषणा पर ‘नोटिस लिया है और इसका प्रभाव अध्ययन कर रही है. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत एक ‘निष्पक्ष, संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी’ व्यापार समझौते के लिए प्रतिबद्ध है.
बिना प्रतिशोध की रणनीति: सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत तत्काल प्रतिशोधी टैरिफ लगाने की योजना नहीं बना रहा है. इसके बजाय, भारत व्यापार वार्ता के जरिए समाधान निकालने पर ध्यान दे रहा है.
वाणिज्य मंत्री का बयान: वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कहा कि भारत राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा. उन्होंने भारत की तेज आर्थिक वृद्धि और आत्मनिर्भरता की प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
