Sitapur Encounter: यूपी के सीतापुर जिले में आज सुबह-सुबह पुलिस की गोलियों की तड़तड़ाहट ने सबको चौंका दिया. यह गोलियां किसी और पर नहीं, बल्कि पांच महीने पहले हुए पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों पर चलीं. पुलिस के साथ मुठभेड़ में दोनों बदमाश मार गिराए गए हैं, जिसके बाद पत्रकार के परिवार और जिले के लोगों ने राहत की सांस ली है.
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हुई थी हत्या
यह कहानी शुरू होती है 8 मार्च से, जब पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई को दिनदहाड़े गोली मार दी गई थी. इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया था. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस साजिश के मास्टरमाइंड, एक पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर, सहित तीन लोगों को तो जेल भेज दिया था, लेकिन दो मुख्य शूटर राजू तिवारी उर्फ रिजवान और संजय तिवारी उर्फ अकील तभी से फरार चल रहे थे. इन दोनों पर पुलिस ने एक-एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था.
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दोनों शूटर्स ढेर
पुलिस लगातार इनकी तलाश में थी. गुरुवार तड़के एसटीएफ और सीतापुर पुलिस को इन दोनों के पिसावा इलाके में छिपे होने की खबर मिली. पुलिस ने तुरंत घेराबंदी की. खुद को घिरा देखकर बदमाशों ने पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की और दोनों शूटर्स को ढेर कर दिया. मुठभेड़ स्थल से पुलिस को एक पिस्टल, एक कार्बाइन और एक बाइक भी मिली है.
इस पूरे ऑपरेशन की कमान खुद एसपी अंकुर अग्रवाल ने संभाली. उन्होंने मौके पर पहुंचकर टीम की हौसला-अफजाई की. एसपी ने बताया कि यह कार्रवाई पत्रकार के परिवार को इंसाफ दिलाने की दिशा में एक बड़ी जीत है. इस एनकाउंटर के बाद पत्रकार के परिजनों ने भी पुलिस और प्रशासन का धन्यवाद किया. इस खबर के बाद जिले में यह चर्चा जोर-शोर से है कि देर से ही सही, लेकिन पत्रकार की हत्या के गुनहगारों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया.
