Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश विधानसभा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आयोजित एक विशेष सत्र के दौरान गोसांईगंज से विधायक अभय सिंह ने AI और चैट GPT जैसे टूल्स को ‘ठग’ करार दिया. उन्होंने AI को लेकर जो जो बातें और उससे पूछे गए सवाल का जिक्र किया तो विधानसभा में उपस्थित सभी लोग हंसते हंसते लोट-पोट हो गए. उनके इस बयान ने सदन में हंसी के ठहाके लगवाए ही, साथ ही साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
उत्तर प्रदेश विधानसभा ने 10 अगस्त विधायकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया. इस सत्र का उद्देश्य जनप्रतिनिधियों को AI के उपयोग और इसके लाभों के बारे में जागरूक करना था. सत्र का संचालन आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों, हर्षित मिश्र और आशुतोष तिवारी ने किया. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना सहित विभिन्न दलों के विधायकों ने इसमें हिस्सा लिया.
अभय सिंह का वायरल बयान
सत्र के दौरान, समाजवादी पार्टी से निष्कासित विधायक अभय सिंह ने AI और चैट जीपीटी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा- ‘AI के पास अपनी कोई जानकारी नहीं है. यह हमसे डेटा लेता है और दूसरों को देता है, फिर उनसे लेकर हमें देता है. इसका डेटा भरोसेमंद नहीं है.’ उनके इस बयान ने सदन में मौजूद विधायकों को हंसने पर मजबूर कर दिया और यह सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया.
AI की सीमाओं पर सवाल
अभय सिंह ने AI की कार्यक्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह स्थानीय संदर्भों में सटीक जानकारी देने में असमर्थ है. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि जब उन्होंने चैट जीपीटी से पूछा कि थर्ड वर्ल्ड वॉर में भारत की स्थिति क्या होगी, तो जवाब मिला कि भारत अमेरिका के साथ होगा. जब उन्होंने पूछा कि अमेरिका तो पाकिस्तान का सहयोगी है, तो AI ने सुझाव दिया कि भारत रूस के साथ जा सकता है. सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि AI की ऐसी सलाह से ‘गूगल मैप की तरह गाड़ियां खाई में गिर सकती हैं.’
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AI बेड़ा गर्क कर देगा- विधायक
अभय सिंह ने मजाकिया अंदाज में यह भी पूछा कि क्या AI कभी इतना उन्नत हो पाएगा कि यह बता सके कि कौन सी सड़क बनवाने से ज्यादा वोट मिलेंगे. उन्होंने कहा- ‘अगर हम AI पर पूरी तरह निर्भर हो गए, तो हमारा बेड़ा गर्क हो जाएगा. तात्कालिक जानकारी के लिए यह ठीक है, लेकिन दीर्घकालिक भरोसे के लिए नहीं.’
