Delhi Blast: दिल्ली ब्लास्ट के एक हफ़्ते बाद ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच से दुश्मनों को दो टूक संदेश दिया है. भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी मजबूत विदेश नीति का परचम लहराते हुए आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने का कट टू कट मैसेज दिया है. विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रूस में SCO हेड्स ऑफ गवर्नमेंट समिट में एक शानदार बयान दिया, जिसमें उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को रेखांकित किया. विदेश मंत्री ने बिना लाग-लेपट कहा कि भारत ने साबित किया है कि वह अपने लोगों की रक्षा करने का अधिकार रखता है और अपने अधिकार का प्रयोग हर हद तक करेगा.
मॉस्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से की मुलाकात #SJaishankar | #SergeyLavrov | Moscow | Russia pic.twitter.com/vV2zKOPye8
— Vistaar News (@VistaarNews) November 17, 2025
यह बयान न केवल दिल्ली ब्लास्ट के बाद भारत की दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि हाल के वर्षों में भारत की विदेश नीति के फुटप्रिंट को भी उजागर करता है. SCO, BRICS, और QUAD जैसे मंचों पर भारत ने क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा को प्राथमिकता दी है. चाहे वह अफगानिस्तान में मानवीय सहायता हो या म्यांमार में लोकतंत्र की वकालत, भारत ने संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है. हाल ही में भारत ने बांग्लादेश में अस्थिरता के दौरान शरणार्थियों की मदद की, जबकि श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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जयशंकर का बयान SCO में भारत की बढ़ती प्रभावशाली भूमिका को भी दर्शाता है. भारत की विदेश नीति आज ‘मल्टी-अलाइनमेंट’ की ओर अग्रसर है, जहां वह अमेरिका, रूस, और यूरोपियन यूनियन के साथ-साथ अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भी अपनी पैठ मजबूत कर रहा है. यह दृष्टिकोण भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है, जो आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन, और आर्थिक सहयोग जैसे मुद्दों पर सक्रिय भूमिका निभा रहा है.
जयशंकर का बयान न केवल दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों को न्याय दिलाने का वादा है, बल्कि यह भारत की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए अटल है.
