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सियासी थाली में ‘प्रसाद’ परोसकर बंगाल फतह करने की तैयारी! ममता के नहले पर BJP का दहला, क्या है पूरा माजरा?

Jagannath Prasad Controversy

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी

Jagannath Prasad Controversy: पश्चिम बंगाल में इन दिनों एक ‘प्रसाद’ को लेकर ज़ोरदार सियासी हंगामा मचा हुआ है. यह प्रसाद है दीघा के नए जगन्नाथ मंदिर का, जिसे बांटने को लेकर सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच खूब खींचतान चल रही है. ये सिर्फ़ एक प्रसाद बांटने का मामला नहीं, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले वोट खींचने की एक बड़ी लड़ाई है.

क्यों बना ‘प्रसाद’ सियासी अखाड़ा?

कहानी तब शुरू हुई जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC ने ऐलान किया कि दीघा में बने नए जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद पूरे पश्चिम बंगाल के घरों में पहुंचाया जाएगा. इसके तहत, बंगाल के क़रीब 1 करोड़ से ज़्यादा घरों में प्रसाद के पैकेट भेजे गए, जिनमें भगवान जगन्नाथ की फोटो और दो मशहूर मिठाइयां पेड़ा और गाजा थीं. सरकार ने कहा कि इन मिठाइयों का पूरा ख़र्चा और उन्हें घर-घर पहुंचाने का इंतज़ाम सरकार ही कर रही है. हालांकि BJP ने तुरंत सीएम ममता को घेरना शुरू कर दिया.

‘हलाल प्रसाद’ बांट रही है ममता सरकार- बीजेपी

BJP का सीधा आरोप है कि ममता बनर्जी 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए ये सब कर रही हैं. BJP ने कहा कि प्रसाद के लिए जो मिठाइयां तैयार की गईं, वे मुर्शिदाबाद ज़िले में कुछ मुस्लिम मिठाई बनाने वालों से बनवाई गईं. BJP ने इसे ‘हलाल प्रसाद’ कहकर इसकी धार्मिक पवित्रता पर सवाल उठाया. बीजेपी नेताओ ने कहा कि ये हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है.

BJP ने ये भी आरोप लगाया कि TMC सरकार जनता के टैक्स के पैसे और सरकारी ताक़त का इस्तेमाल राजनीतिक फ़ायदे के लिए कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार 42 करोड़ रुपये इस प्रसाद वितरण पर खर्च कर रही है, जबकि राज्य में कर्मचारियों को उनका महंगाई भत्ता (DA) नहीं मिल रहा और शिक्षकों की नौकरियां भी दांव पर हैं.

BJP के नेताओं ने ममता बनर्जी से पूछा कि जब मुर्शिदाबाद में मंदिरों में तोड़फोड़ हुई थी, तब उन्होंने कुछ नहीं किया, लेकिन अब वे जगन्नाथ मंदिर को लेकर इतनी चिंता क्यों दिखा रही हैं?

TMC ने BJP को बताया ‘हिंदू विरोधी’

TMC ने BJP के सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया. उनका कहना है कि ये एक पवित्र काम है, जिसका मक़सद भगवान का आशीर्वाद हर घर तक पहुंचाना है. TMC ने BJP पर ही ‘हिंदू विरोधी’ होने का आरोप लगाया और कहा कि BJP सिर्फ़ धर्म के नाम पर राजनीति करती है और लोगों की भावनाओं का अपमान कर रही है.

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BJP की ‘प्रसाद’ पर जवाबी चाल

BJP भी कहां पीछे हटने वाली है. पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने TMC को टक्कर देने के लिए एक और ‘प्रसाद वितरण’ का ऐलान कर दिया. उन्होंने कहा कि रथ यात्रा से पांच दिनों तक, ओडिशा के पुरी में स्थित असली जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद लोगों में बांटा जाएगा. ये प्रसाद शुभेंदु अधिकारी के अपने ज़िले पूर्वी मेदिनीपुर के तमलुक शहर के एक मंदिर से बांटा जाएगा. ये सीधे तौर पर ममता बनर्जी की पहल को चुनौती देने जैसा है.

क्या है इस ‘प्रसाद’ युद्ध के पीछे की असली कहानी?

यह ‘प्रसाद विवाद’ पश्चिम बंगाल की राजनीति में बढ़ती ध्रुवीकरण को साफ़ दिखाता है, खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए. हमेशा से उस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगता रहा है. अब वह हिंदुओं के बीच अपनी छवि सुधारना चाहती है और यह दिखाना चाहती है कि वह भी हिंदू धर्म का सम्मान करती है.

वहीं, बीजेपी का मक़सद हिंदू वोटों को अपने पाले में लाना है. वह TMC को अल्पसंख्यक समर्थक साबित करके हिंदू वोटरों को अपने साथ जोड़ना चाहती है. साफ़ है कि दोनों ही पार्टियां इस धार्मिक मुद्दे को चुनाव जीतने के लिए एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं. अब देखना यह है कि ये ‘प्रसाद’ बंगाल की राजनीति में किसके लिए कितना ‘शुभ’ साबित होता है.

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