West Bengal SIR survey: बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया शुरू होने से पहले सोनागाछी इलाके की यौनकर्मी सरकार से आग्रह किया है कि उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाए. उनको डर है कि कहीं सरकार कागजों की कमी की वजह से मतदाता सूची से बाहर न कर दे. क्योंकि इसमें कई ऐसे लोग शामिल हैं, जिनका माता-पिता से कोई संबंध ही नहीं है. हालांकि इसके लिए निजी संस्था दरबार महिला समन्वय समिति ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिख विशेष शिविर लगाने की मांग की है.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि ज्यादातर (सेक्स वर्कर) अपने परिवारों से संपर्क में नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने वर्षों पहले अपना घर छोड़ दिया था. इसलिए डर लगा है कि सरकार कहीं रिकॉर्ड के अभाव में मतदाता सूची से वंचित न कर दे. इसके लिए दरबार महिला समन्वय समिति, सोनागाछी की सचिव, बिशाखा लस्कर ने सरकार से यौनकर्मियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज करने का आग्रह किया. समिति शिविर लगाकर पंजीकरण अभियान चलाने का प्रस्ताव दे रही है, जिससे सेक्स वर्कर सत्यापन के ज़रिए अपने निवास की स्वयं घोषणा कर सकें.
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2002 में शामिल हुआ था मतदाता सूची में नाम
दरअसल, बिहार के बाद कई राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू कर दी गई है, जिसमें सेक्स वर्करों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि सभी के पास उनके दस्तावेज नहीं हैं. उन्होंने मांग की है कि उनके पास मौजूद दस्तावेजों के आधार पर (मतदाता सूची में) शामिल किए जाए. उन्होंने यह भी बताया कि 2002 में उन्हें वोटर आईडी दी गई थी, जिसके बाद से वे मतदान कर रही हैं.
बिशाखा लस्कर ने कहा कि अब कुछ लोगों के पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, बिजली बिल आदि जैसे दस्तावेज हैं. लेकिन सबसे पास इतने रिकॉर्ड नहीं हैं. सरकार इन दस्तावेजों के आधार पर उनके नाम मतदाता पहचान पत्र में जुड़वाए. इसके लिए मैं आग्रह करती हूं.
सोनागाछी में हैं 12 हजार सेक्स वर्कर
समिति ने सोनागाछी वेश्यालय में मौजूद कम से कम 12,000 सेक्स वर्करों के लिए अधिकारियों को एक लिखित आवेदन भेजा है ताकि उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सके. 12,000 में 8,000 सोनागाछी में ही रहती हैं, इसके अलावा लगभग 4,000 काम के लिए बाहर जाती रहती हैं. हमने चुनाव आयुक्त को पत्र भेजा है. उनके जवाब का इंतजार कर रहे हैं.
