Who is Kerala IPS Officer R Sreelekha: भारतीय जनता पार्टी ने केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थानीय निकाय चुनाव में अपना परचम लहरा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से तिरुवनंतपुरम की जीत पर बधाई दी है. जीत के साथ ही केरल की पहली महिला IPS अधिकारी आर श्रीलेखा एक प्रमुख चेहरा बनकर उभरी हैं. माना जा रहा है कि आर श्रीलेखा को यहां से महापौर बनाया जा सकता है. श्रीलेखा ने संस्थामंडलम में बड़े अंतरों के साथ चुनाव जीता है.
तिरुवनंतपुरम में भाजपा ने इस बार नगर निगम चुनाव में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) को बड़ा झटका दिया है. एलडीएफ का यहां पर करीब 4 दशकों से कब्जा रहा है. लेकिन भाजपा ने एलडीएफ के गढ़ माने वाले संस्थामंडलम में बड़ी सेंध मारी है. यहां से रिटायर्ड डीजीपी आर श्रीलेखा ने बड़े अंतरों के साथ जीत दर्ज की है. अब उनके मेयर बनने को लेकर देशभर में चर्चा है. मेयर बनने को लेकर सवाल करने पर उन्होंने कहा कि पार्टी जो भी फैसला लेगी स्वीकार्य होगा.
तिरुवनंतपुरम में भाजपा का 50 वॉर्डों पर कब्जा
आर श्रीलेखा ने बताया कि हमें पता चला कि आज तक इस वॉर्ड से कोई इतने ज्यादा मतों के अंतर से चुनाव नहीं जीता है. मैं इसके लिए जनता को धन्यवाद देती हूं. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मुझे चुनाव के दौरान बहुत भला-बुरा कहा. जनता ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दे दिया. 101 सदस्यों वाले तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा ने 50 वॉर्डों पर जीत दर्ज की है.
कौन हैं आर श्रीलेखा?
आर श्रीलेखा पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं, जो मूल रूप से तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं. उनकी स्कूली शिक्षा कॉटन हिल स्कूल से हुई. इसके बाद उन्होंने वुमेंस कॉलेज से इंग्लिस में ग्रेजुएशन और बाद में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. इग्नू से एमबीए भी किया है. करियर की शुरुआत उन्होंने विद्याधिराज कॉलेज में पढ़ाने के साथ की थी. इसके बाद रिजर्व बैंक में काम करते हुए सिविल सेवा में चली गईं. पहली बार 1988 में वे कोट्टायम में एएसपी बनीं और 1991 में त्रिशूर की पहली महिला एसपी बनीं.
2020 में हुईं रिटायर
आर श्रीलेखा अपने कार्यों को लेकर राष्ट्रपति से सम्मानित हो चुकी हैं. सीबीआई में भी 4 सालों तक काम किया. उन्होंने सतर्कता विभाग की एडिशनल डीजीपी के रूप में सेवाएं दी, इसके साथ ही कंज्यूमरफेड में हुए करोड़ों के भ्रष्टाचार को भी उजागर किया. 2014 में परिवहन आयुक्त भी बनीं. करीब 33 साल की सेवा देने के बाद उन्होंने 2020 में रिटायरमेंट ले लिया और अब राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
