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जब जनता ने राजा को दिखाया ठेंगा! ऐसे भारत का 22वां राज्य बना सिक्किम, अब भी TAX नहीं वसूलती है सरकार

Sikkim India Merger

प्रतीकात्मक तस्वीर

Sikkim India Merger: हिमालय की गोद में बसा छोटा सा राज्य सिक्किम, जिसने 50 साल पहले एक ऐसी कहानी लिखी कि लोग आज भी उसकी मिसाल देते हैं. 1975 में सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना, लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं था. राजा की सत्ता, जनता का गुस्सा और भारत की चतुराई ने मिलकर सिक्किम को हमेशा के लिए भारत का हिस्सा बना दिया. और हां, ये वही सिक्किम है जहां की जनता को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता.

राजा की मनमानी के बाद जनता का बगावत

सिक्किम में 1975 से पहले नामग्याल राजवंश का राज था. राजा पाल्डेन थोंडुप नामग्याल को अपनी सत्ता प्यारी थी, लेकिन जनता का मूड कुछ और ही था. 1970 के आसपास लोगों ने राजशाही के खिलाफ बगावत शुरू कर दी. सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए. लोगों की मांग थी कि सिक्किम में लोकतंत्र आए. जनता की ताकत के आगे राजा को झुकना पड़ा. 1973 में राजा ने मजबूरी में चुनाव कराने का ऐलान किया. लेकिन ट्विस्ट ये था कि ये चुनाव भारतीय निर्वाचन आयोग की नजर में हुए.

1973 के चुनाव में सिक्किम की जनता ने खुलकर अपनी बात रखी. चुनी हुई सरकार ने प्रस्ताव पास किया कि सिक्किम को भारत में मिलना चाहिए. राजा को ये बात पसंद नहीं आई और उन्होंने इसका विरोध किया. लेकिन कहानी में अब बॉलीवुड स्टाइल ट्विस्ट आया. भारतीय सेना ने राजा को उनके ही महल में नजरबंद कर दिया. फिर हुआ जनमत संग्रह, जिसमें 97% लोगों ने कहा, “हमें भारत चाहिए.” बस, 16 मई 1975 को सिक्किम आधिकारिक तौर पर भारत का 22वां राज्य बन गया.

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टैक्स-मुक्त सिक्किम!

सिक्किम की कहानी में एक और मजेदार बात है. ये देश का इकलौता राज्य है जहां की जनता को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता, लेकिन इसके पीछे की वजह क्या है? जब सिक्किम भारत में मिला, तो एक शर्त थी कि यहां का पुराना टैक्स सिस्टम बना रहेगा. भारतीय आयकर कानून की धारा 10(26AAA) कहती है कि सिक्किम के लोग अपनी कमाई, ब्याज या किसी भी स्रोत से होने वाले मुनाफे पर टैक्स नहीं देंगे. और तो और, सिक्किम के लोगों को म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए पैन कार्ड की भी जरूरत नहीं.

लेकिन, हर कहानी में कुछ शर्तें होती हैं. अगर कोई सिक्किम का निवासी राज्य के बाहर की प्रॉपर्टी से कमाई करता है, तो उसे टैक्स देना पड़ता है. साथ ही, 1 अप्रैल 2008 के बाद अगर सिक्किम की कोई महिला किसी दूसरे राज्य के पुरुष से शादी करती है, तो उसे भी टैक्स छूट नहीं मिलती. इस नियम को सुप्रीम कोर्ट ने 2008 में सही ठहराया, हालांकि इस पर काफी बहस हुई.

50 साल का जश्न

2025 में सिक्किम के भारत में विलय को 50 साल पूरे हुए. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी सिक्किम जाने वाले थे, लेकिन खराब मौसम ने उनके प्लान पर पानी फेर दिया. फिर भी, सिक्किम की जनता इस ऐतिहासिक पल को धूमधाम से मना रही है. आज सिक्किम न सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है, बल्कि अपनी अनोखी आजादी और टैक्स-मुक्त जिंदगी के लिए भी जाना जाता है.

सिक्किम की कुछ और रोचक बातें

सिक्किम भारत का पहला ऐसा राज्य बना, जहां जनता ने सीधे जनमत संग्रह के जरिए अपना भविष्य चुना. सिक्किम की सीमाएं चीन और नेपाल से लगती हैं, जो इसे सामरिक रूप से बेहद अहम बनाती हैं. गंगटोक से कंचनजंगा तक, सिक्किम पर्यटकों के लिए स्वर्ग है और टैक्स छूट की वजह से यहां की अर्थव्यवस्था भी मजबूत है.

सिक्किम क्यों है इतना खास?

सिक्किम की कहानी एक मिसाल है कि जब जनता ठान ले, तो राजा भी झुक जाते हैं. 1975 में सिक्किम ने न सिर्फ भारत को चुना, बल्कि अपनी अनोखी पहचान भी बरकरार रखी. टैक्स-मुक्त जिंदगी, हिमालय की गोद में बसी खूबसूरती और लोकतंत्र की जीत, सिक्किम की कहानी हर भारतीय को गर्व महसूस कराती है.

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