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‘वोटर अधिकार यात्रा’ से बिहार में क्या बदलेगी राहुल-तेजस्वी की किस्मत? जानें सर्वे में किसकी बन रही सरकार

Bihar Election Survey Report

(प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर)

JVC Poll: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ ने सियासी माहौल को गरमा दिया है. इस यात्रा के बीच JVC पोल का एक हैरान करने वाला सर्वे सामने आया है, जिसमें एनडीए को बंपर जीत मिलती दिख रही है. सर्वे के मुताबिक, अगर आज चुनाव होते हैं, तो एनडीए को 136 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन को 75 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है. तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के नेतृत्व को लेकर भी जनता की राय सामने आई है.

जेवीसी पोल का चौंकाने वाला खुलासा

जेवीसी पोल के मुताबिक, बिहार में अगर आज विधानसभा चुनाव होते हैं, तो एनडीए को 136 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि महागठबंधन को 75 सीटें और अन्य दलों को 6 सीटें मिल सकती हैं. 26 सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है, जिसमें मिथिला, सीमांचल, तिरहुत, मगध, भोजपुर और अंग क्षेत्र की सीटें शामिल हैं. सर्वे में एनडीए को 42-46% और महागठबंधन को 37-41% वोट शेयर मिलने का अनुमान है. जन सुराज पार्टी को 9-11% और अन्य को 7-8% वोट मिल सकते हैं.

तेजस्वी बनाम नीतीश

सर्वे में मुख्यमंत्री पद के लिए जनता की राय भी सामने आई है. अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो 45.9% लोग तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि 36.9% का मानना है कि गठबंधन के सहयोगी इस पर फैसला करें. लालू परिवार के बाहर के उम्मीदवार को 17.2% लोग पसंद करते हैं. वहीं, एनडीए की जीत होने पर 25.2% लोग नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जबकि 44.4% का कहना है कि ज्यादा सीटों वाली पार्टी का नेता मुख्यमंत्री बने. बीजेपी के मुख्यमंत्री को 20.4% और चिराग पासवान को 10% लोग समर्थन दे रहे हैं.

राहुल की ‘वोटर अधिकार यात्रा’

राहुल गांधी की 1300 किलोमीटर लंबी ‘वोटर अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई और 1 सितंबर को पटना में एक विशाल जनसभा के साथ समाप्त होगी. इस यात्रा में तेजस्वी यादव सहित इंडिया गठबंधन के कई नेता शामिल हैं. यात्रा का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ जागरूकता फैलाना और कथित ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाना है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और चुनाव आयोग मिलकर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटा रहे हैं.

वोट चोरी का मुद्दा

सर्वे में वोट चोरी के सवाल पर 32% लोगों ने माना कि मतदाता सूची में हेरफेर हो रहा है, जबकि 59% ने इससे इनकार किया. 9% लोग इस पर कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे. राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान दावा किया कि SIR प्रक्रिया के तहत लाखों वोटरों, खासकर दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यकों के नाम हटाए जा रहे हैं. उन्होंने इसे संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ साजिश बताया.

सियासी समीकरण

राहुल गांधी की यात्रा 23 जिलों की 50 विधानसभा सीटों को कवर कर रही है, जहां 2020 में महागठबंधन का प्रदर्शन औसत रहा था. यह यात्रा शाहाबाद, मगध, तिरहुत, कोसी, मिथिलांचल, सीमांचल और अंग जैसे प्रमुख क्षेत्रों से होकर गुजर रही है. खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों जैसे पूर्णिया, कटिहार, औरंगाबाद, सासाराम और किशनगंज में महागठबंधन अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है. हालांकि, सर्वे में एनडीए की बढ़त से महागठबंधन के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं.

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने राहुल गांधी की यात्रा पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इसे घुसपैठियों को बचाने की कोशिश करार दिया और कहा कि विपक्ष संवैधानिक संस्थाओं पर अनुचित आरोप लगा रहा है. उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता एनडीए को समर्थन देगी और राहुल गांधी के अभियान का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.

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महागठबंधन की रणनीति

कांग्रेस और राजद इस यात्रा के जरिए मुस्लिम, यादव, दलित और पिछड़े वोटरों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस ने मुस्लिम नेताओं को सक्रिय किया है और जाति जनगणना जैसे मुद्दों को जोर-शोर से उठाया है. हालांकि, राजद और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे को लेकर तनाव की खबरें भी हैं. राजद कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें देने के मूड में नहीं है, जबकि कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ना चाहती है.

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