Yamuna River Pollution: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नजदीक आते ही सियासी घमासान तेज हो गया है, और इस बार ‘जल आतंकवाद’ के मुद्दे ने सारी सुर्खियां बटोर ली हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि हरियाणा की सरकार यमुना नदी में जहर मिला रही है. ये आरोप इतना जबरदस्त था कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पलटवार करते हुए केजरीवाल से सवालों की झड़ी लगा दी और यहां तक कि मानहानि का केस करने की भी धमकी दे डाली.
यमुना में जहर मिला रही है हरियाणा सरकार
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बयान में कहा कि हरियाणा की सरकार यमुना नदी में जहर मिला रही है. उनकी बातों के मुताबिक, हरियाणा से दिल्ली तक आने वाला यमुना का पानी अब पीने लायक नहीं बचा है क्योंकि उसमें खतरनाक केमिकल्स या जहर मिला हुआ है, जो दिल्लीवासियों के लिए बड़ी समस्या पैदा कर रहा है. केजरीवाल ने ये भी आरोप लगाया कि इस कारण दिल्ली में पानी की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है. अब ऐसे आरोप सीधे तौर पर हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री के लिए चैलेंज की तरह सामने आए थे.
“जहर कहां है, कैसे पहचाना?”
लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने केजरीवाल के आरोपों का जोरदार जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अगर यमुना का पानी सचमुच ज़हरीला है, तो दिल्ली के इंजीनियरों ने उसे कैसे पहचाना? क्या उन्होंने लैब टेस्ट किया? अगर पानी में जहर था, तो उस पानी से मछलियां क्यों नहीं मरीं, क्योंकि ज़हरीले पानी में मछलियां मर जाती हैं. सैनी ने ये सवाल उठाया कि अगर यमुना में सच में जहर था, तो उसे साफ़ करने के लिए दिल्ली सरकार ने कौन से उपाय किए?
सैनी ने यहां तक कह दिया कि यह एक ‘राजनीतिक खेल’ है. उनका आरोप था कि केजरीवाल सिर्फ चुनावी प्रचार के लिए ऐसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं, ताकि लोगों का ध्यान असल मुद्दों से हटा सके. उन्होंने तो ये भी धमकी दी कि अगर केजरीवाल ने बिना सच्चाई के ऐसे आरोप लगाए तो वह मानहानि का केस करेंगे.
सैनी का राजनीति पर तंज
सैनी ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि केजरीवाल की राजनीति पूरी तरह से झूठ पर आधारित है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोग यमुना को पवित्र मानते हैं, और यहां के लोग कभी इस नदी को गंदा करने का सोच भी नहीं सकते. वे केजरीवाल को याद दिलाने लगे कि 2020 में केजरीवाल ने यह वादा किया था कि अगर यमुना नदी साफ नहीं रख पाए, तो वह चुनावी राजनीति छोड़ देंगे. अब, चुनावी माहौल में हार की संभावना को देख केजरीवाल को घबराहट हो गई है, और उनके आरोपों से यह साफ लगता है कि वे अपनी मानसिक स्थिति खो चुके हैं. सैनी ने यह भी कहा कि केजरीवाल को माफी मांगनी चाहिए, वरना वह उनके खिलाफ कोर्ट में मानहानि का केस दायर करेंगे.
इस पूरे विवाद में हरियाणा के मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी भी मैदान में आए. दोनों ही पक्षों ने इस आरोप को नकारते हुए इसे झूठा बताया और इस मामले की जांच की बात की. हरियाणा के अधिकारियों का कहना था कि यमुना का पानी बिल्कुल साफ है और उसमें कोई भी जहर मिलाने की कोई संभावना नहीं है.
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आतिशी ने क्या कहा?
दिल्ली के जल बोर्ड के अधिकारी और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया. उन्होंने यमुना में अमोनिया के स्तर को लेकर तुरंत हस्तक्षेप की मांग की और चुनाव आयोग से समय लिया. उन्होंने कहा कि हरियाणा से शुद्ध पानी छोड़ा जाए ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और दिल्ली के लोग पीने के पानी की समस्या से न जूझें.
सियासी माहौल का बदलता रंग
अब बात करते हैं इस पूरे विवाद के सियासी असर पर. जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, इस तरह के आरोप और पलटवार चुनावी माहौल को और भी गर्माते जा रहे हैं. केजरीवाल के आरोप ने न केवल हरियाणा सरकार को घेरने की कोशिश की, बल्कि दिल्ली के वोटर्स के बीच भी यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है.
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि यह सियासी ड्रामा कहां तक जाता है. क्या जनता इन आरोपों को सही मानती है, या फिर इसे सिर्फ एक राजनीतिक चाल समझती है? और सबसे अहम सवाल, क्या केजरीवाल और सैनी के इस आरोप-प्रत्यारोप का असर दिल्ली चुनाव पर पड़ेगा या नहीं?
तो, अब आप देख सकते हैं कि यह पूरी कहानी सिर्फ पानी की गुणवत्ता से कहीं ज्यादा बड़ी है—यह एक सियासी घमासान का हिस्सा है, जिसमें हर शब्द और आरोप का चुनावी फायदा-नुकसान जुड़ा हुआ है. आने वाले दिनों में जब इस विवाद का और भी ज्यादा पेंच खुलेगा, तो यह देखने योग्य होगा कि क्या सचमुच पानी में जहर है, या फिर यह बस एक सियासी शोर है जो चुनावी माहौल को गर्मा रहा है!
