हरणी झील में नाव पलटने की घटना के बाद हड़कंप मच गया. आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए. प्रारंभिक जांच में प्रशासन ने वडोदरा नगर निगम की लापरवाही को इस त्रासदी का कारण माना है. क्योंकि, इस झील में बोट चलाने का कामकाज नगर निगम की देखरेख में होता है. फिलहाल, घटना के बाद रेस्क्यू किए गए छात्रों और दो अध्यापकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जानकारी के मुताबिक, इनमें से कुछ की हालत खबर लिखे जाने तक गंभीर बनी हुई है.
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लापरवाही के चलते बड़ा हादसा
नाव पलटने के दौरान छात्र और शिक्षक बिना लाइफ जैकेट के थे. आपात स्थिति से निपटने के लिए नाव में बचाव का कोई साधन मौजूद नहीं था. वडोदरा प्रशासन ने मामले की जांच कराने की बात कही है. वहीं, नगर निगम की चेयरमैन डॉक्टर शीतल मिस्त्री का कहना है कि मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि बोट में कुल 16 लोगों की क्षमता थी. लेकिन मानक से ज़्यादा लोगों को इसमें बैठाया गया था. वहीं, दूसरी ओर इस त्रासदी के बाद राजनीति भी तेज हो गईं है. विपक्षी दलों के नेताओं ने इसके लिए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.