OP Chautala: शुक्रवार, 20 दिसंबर को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इनेलो (Indian National Lok Dal) सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) का निधन हो गया है. उन्होंने 89 की उम्र में अंतिम सांस ली. गुरुग्राम (Gurugram) स्थित अपने घर में उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. ॐ प्रकाश चौटाला हरियाणा के 5 बार के मुख्यमंत्री रहे थे.
शाम तक पार्थिव शरीर पैतृक गांव लाया जाएगा
ओपी चौटाला के निदान के बाद अब उनके पार्थिव श्री को उनके पैतृक गांव ले जाया जाएगा. शुक्रवार शाम तक उनका पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव चौटाला लाया जाएगा. जहां उसे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके बाद गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
चौटाला के निधन पर नेताओं ने जताया शोक
ओपी चौटाला के निधन पर कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. पीएम मोदी ने भी चौटाला के निधन पर एक्स पर पोस्ट कर शोक जताया. उन्होंने लिखा- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. प्रदेश की राजनीति में वे वर्षों तक सक्रिय रहे और चौधरी देवीलाल जी के कार्यों को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास किया. शोक की इस घड़ी में उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.
इधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- ‘हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ नेता चौ. ओम प्रकाश चौटाला जी के निधन का समाचार दुःखद है. उन्होंने हरियाणा और देश की सेवा में उचित योगदान दिया.’
वहीं हरियाणा के CM नायब सिंह सैनी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा- ‘इनेलो सुप्रीमो एवं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला जी का निधन अत्यंत दुःखद है. उन्होंने प्रदेश और समाज की जीवनपर्यंत सेवा की. देश व हरियाणा प्रदेश की राजनीति के लिए यह अपूरणीय क्षति है.’
चौटाला के निधप पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस विधायक रेसलर विनेश फोगाट सहित कई नेताओं ने अपना शोक जताया है.
जेल में रहकर पास की 10वीं और 12वीं की परीक्षा
हरियाणा के गदावर नेताओं में एक ओपी चौटाला पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के बेटे थे. वह चौधरी देवीलाल के 5 संतानों में से सबसे बड़े थे. उनका जन्म 1 जनवरी, 1935 को हुआ था. चौटाला ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. शिक्षक भर्ती घोटाले के दौरान जब चौटाला साल 2013 में तिहाड़ जेल में बंद थे तब उन्होंने दसवीं और फिर बारहवीं की परीक्षा पास की थी.
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5 बार हरियाणा के बने थे मुख्यमंत्री
ओम प्रकाश चौटाला को अपने पिता से ही राजनीति विरासत में मिली थी. चौटाला के राजनीति सफर की बात करें तो इसकी शुरुआत साल 1968 में शुरू हुई थी. उन्होंने पहला चुनाव देवीलाल की परंपरागत सीट ऐलनाबाद से लड़ा था. हालांकि वह इस चुनाव में हार गए थे. हार के बाद भी चौटाला शांत नहीं बैठे. उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया और हाईकोर्ट पहुंच गए. एक साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने लालचंद की सदस्यता रद्द कर दी. इसके बाद साल 1970 में हुए उपचुनाव में चौटाला ने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बने.
जब केंद्र में जनता दल की सरकार बनी तो वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने. उसमें देवीलाल को उपप्रधानमंत्री बनाया गया. इसी दौरान ओपी चौटाला को पहली बार हरियाणा का सीएम चुना गया. 2 दिसंबर 1989 को ओमप्रकाश चौटाला पहली बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने.
- पहली बार 2 दिसंबर 1989 को मुख्यमंत्री बनने के बाद वह 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे.
- दूसरी बार 12 जुलाई 1990 को मुख्यमंत्री बने, जब बनारसी दास गुप्ता को हटाया गया था. लेकिन उन्हें पांच दिन बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था.
- तीसरी बार 22 अप्रैल 1991 को मुख्यमंत्री बने, इस बार दो हफ्ते बाद ही राष्ट्रपति शासन लग गया.
- चौथी बार 24 जुलाई 1999 को मुख्यमंत्री बने. उन्होंने दिसंबर 1999 में विधानसभा भंग कर दी.
- 2 मार्च 2000 को 5वीं बार मुख्यमंत्री बने. इस बार वे पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे.