High Speed Road Corridor: मोदी सरकार ने शुक्रवार को आठ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है. इसकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर है और इनकी कुल लागत 50,655 करोड़ रुपये है. इन परियोजनाओं का उद्देश्य देशभर में कनेक्टिविटी को बढ़ाना है. एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है. इन आठ परियोजनाओं के क्रियान्वयन से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे.
TRANSFORMATIVE boost to India’s infrastructure landscape!
The Cabinet’s approval of 8️⃣ National High-Speed Road Corridor Projects at an expenditure of over Rs. 50,000 crore will have a MULTIPLIER EFFECT on our economic GROWTH and boost EMPLOYMENT opportunities.
It also… pic.twitter.com/fim8aNP2Tr
— Narendra Modi (@narendramodi) August 2, 2024
इन हाई-स्पीड कॉरिडोर को मिली मंजूरी
6-लेन आगरा-ग्वालियर नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन खड़गपुर-मोरग्राम नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर, 6-लेन थराद-डीसा-मेहसाणा-अहमदाबाद नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर, 4-लेन अयोध्या रिंग रोड, रायपुर-रांची नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर का पत्थलगांव और गुमला के बीच 4-लेन सेक्शन और 6-लेन कानपुर रिंग रोड को परियोजना में शामिल किया गया है. इसके बन जाने के बाद भारत को गति मिलेगी.
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राष्ट्रीय राजमार्गों में 6 गुणा बढ़ा निवेश: अश्विनी वैष्णव
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “140 करोड़ भारतीयों ने पीएम मोदी को ऐतिहासिक जनादेश दिया. उनकी बदौलत 60 साल बाद लगातार तीसरी बार सरकार सत्ता में लौटी. सरकार बनने के बाद वधावन पोर्ट के लिए 76,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.” उन्होंने, “बुनियादी ढांचे का विकास किसी देश की आर्थिक समृद्धि की नींव है और यह उसके नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण है. बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च किए गए हर रुपये का जीडीपी पर लगभग 2.5-3.0 गुना प्रभाव पड़ता है.” उन्होंने कहा, “निजी निवेश सहित राष्ट्रीय राजमार्गों में कुल पूंजी निवेश 2013-14 में 50,000 करोड़ रुपये से 6 गुना बढ़कर 2023-24 में लगभग 3.1 लाख करोड़ रुपये हो गया है.