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Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल पर समर्थन के बाद JDU में हड़कंप, 6 मुस्लिम नेताओं ने दिया इस्तीफा

Nitish Kumar

नीतीश कुमार

Waqf Amendment Bill: लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास होने के बाद अब वक्फ संशोधन बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. जिसके बाद ये बिल कानून बन जाएगा. इस बिल पर सरकार को नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने समर्थन किया है. बिल पर लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पास होने के बाद जनता दल (यूनाइटेड) में बगावत शुरू हो गई है. एक के बाद एक मुस्लिम नेताओं का इस्तीफा दिया है.

अब तक बिल को समर्थन देने से नाराज 6 मुस्लिम नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है. इनमें पूर्व प्रदेश सचिव एम. राजू नैयर, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मोहम्मद शाहनवाज मलिक, बेतिया जिला के उपाध्यक्ष नदींम अख्तर, प्रदेश महासचिव मो. तबरेज सिद्दीकी अलीग, भोजपुर से पार्टी सदस्य मो. दिलशान राईन, और खुद को मोतिहारी के ढाका विधानसभा सीट से पूर्व प्रत्याशी बताने वाले मोहम्मद कासिम अंसारी ने भी इस्तीफा दिया है.

मुस्लिम नेताओं ने वक्फ बिल पर समर्थन पर अपनी नाराजगी जताते हुए कहा है कि पार्टी ने लाखों मुसलमानों का भरोसा तोड़ा है. हालांकि, पार्टी ने दावों को खारिज किया है.

इस बिल के विरोध में जेडीयू के 6 मुस्लिम नेताओं ने अपने पद से इस्तीफा देते हुए अपने त्यागपत्र में लिखा है कि लाखों करोड़ों भारतीय को यह विश्वास था कि नीतीश कुमार सबसे बड़े सेकुलर का चेहरा हैं, लेकिन वफ्फ बोर्ड संशोधन विधेयक का उन्होंने समर्थन करके सबको बता दिया कि उनके मन में क्या है? इसलिए पार्टी के सभी पदों से हम इस्तीफा देते हैं. उन्होंने कहा- ‘अलविदा नीतीश कुमार, अलविदा जदयू…जनता दल यूनाइटेड के दोनों मुस्लिम नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा भेजा है.’

यकीन टूट गया- कासिम अंसारी

पूर्वी चंपारण के जिला प्रवक्ता चिकित्सा प्रकोष्ठ सह ढाका विधानसभा के प्रत्याशी डॉ. मो. कासिम अंसारी और जमुई के जिला अध्यक्ष सह अल्पसंख्यक प्रदेश सचिव मोहम्मद शहनवाज मलिक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपना इस्तीफा भेज दिया है. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ अंसारी और पूर्वी चंपारण की जिला अध्यक्ष मंजू देवी को भी इसकी प्रतिलिपि भेजी गयी है.

कासिम अंसारी ने अपना त्यागपत्र देते हुए कहा कि हम जैसे लाखों करोड़ों भारतीय मुसलमानों का अटूट विश्वास था कि आप विशुद्ध रूप से सेक्युलर विचारधारा के ध्वजवाहक हैं, लेकिन अब ये यकीन टूट चुका है. वक्फ बिल पर जेडीयू के स्टैंड से हम जैसे लाखों करोड़ों समर्पित भारतीय मुसलमानों और कार्यकर्ताओं को गहरा आघात लगा है.

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बिल मुसलमान विरोधी नहीं- ललन सिंह

वक्फ संशोधन बिल का जेडीयू ने समर्थन के बाद पार्टी सांसद और केंद्र सरकार में पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा था कि ये नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये बिल मुसलमान विरोधी है. ये बिल कहीं से भी मुसलमान विरोधी नहीं है. वक्फ कोई मुस्लिम संस्था है क्या. वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं, एक ट्रस्ट है जो मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करता है. उस ट्रस्ट को ये अधिकार होना चाहिए कि वो सभी वर्गों के लोगों के साथ न्याय करे, जो नहीं हो रहा है.

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