Controversy On Agnipath Scheme: लोकसभा में कार्यवाही के दौरान आज सोमवार को विपक्ष ने खूम हंगामा किया. संसद में बोलते हुए नेता विपक्ष राहुल गांधी ने भारतीय सेना की अग्निपथ योजना को लेकर एक के बाद एक कई सवाल उठाए. इस दौरान उन्होंने केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. जिसमें राहुल गांदी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए सैनिकों के शहीद होने पर उनके परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिलता.
जिसके बाद लोकसभा में मौजूद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के दावे को खारिज कर दिया. रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर कोई भी अग्निवीर शहीद होता है तो उसके परिवार को एक करोड़ रुपये की सांत्वना राशि दी जाती है. इस विवादों के बीच लोग जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या सच में अग्निवीर को शहीद होने पर कोई मुआवजा नहीं मिलता? तो आइए जानते हैं कि अग्निवीरों के शहीद होने पर उनके परिवार को सरकार द्वारा क्या-क्या सुविधाएं दी जाती है.
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ड्यूटी के दौरान शहीद होने पर (श्रेणी ‘Y/Z’)
यदि किसी अग्निवीर की सेवा के दौरान किसी घटना में मृत्यु हो जाती है, चाहे वह (श्रेणी ‘Y/Z’) को हो तो उन्हें 48 लाख रुपये का बीमा कवर, 44 लाख रुपये का अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन, सेवा निधि और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान देना का प्रावधान है.
अगर ड्यूटी पर नहीं हुई अग्निवीर की मौत तब (श्रेणी X)
वहीं, यदि अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु नहीं होती है, और वह (श्रेणी X) का सदस्य हो तो उन्हें 48 लाख रुपये का बीमा कवर, सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान दिया जाता है.
ड्यूटी के दौरान विकलांग होने पर
वहीं, यदि कोई अग्निवीर अपनी सेवा के दौरान किसी घटना में विकलांग हो जाता है, तो उन्हें विकलांगता के स्तर (100, 75 या 50 प्रतिशत) के आधार पर 44 लाख, 25 लाख या 15 लाख रुपये का अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन, सेवा निधि और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान दिया जायेगा.
अग्निपथ योजना क्या है?
भारत सरकार ने भारतीय सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को शुरू किया है. इस योजना के जरिए देश के युवाओं को अग्निवीर के रूप में 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है. 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को रेगुलर कैडर में शामिल किया जाता है. जबकि बाकी 75 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा निधि पैकेज के साथ सेवानिवृत्त किया जाता है. अग्निपथ भर्ती योजना को साल 2022 में शुरू किया गया था. हालांकि, इसको लेकर काफी विवाद भी होता रहा है.
इस योजना का मकसद तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और जलसेना) में जवानों की औसत आयु कम करना है. इस योजना के तहत 17 साल 6 महीने से 21 साल के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती किया जाता है.