Agniveers: अग्निवीरों से जुड़ी इस वक्त की सबसे बड़ी खबर आ रही है. सरकार ने फैसला किया है कि पूर्व अग्निवीरों के लिए सीआईएसएफ में 10 फीसदी पद आरक्षित किए जाएंगे, साथ ही फिजिकल टेस्ट में भी छूट दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक, सीआईएसएफ ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है. ये खबर ऐसे वक्त में आ रही है जब पूरा विपक्ष अग्निवीर के मुद्दे को संसद में जोरशोर से उठा चुका है और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भी यह मुद्दा हावी रहा था.
दरअसल, अग्निवीर योजना का विरोध करने वालों को ये लगता है कि चार साल के बाद उनका कोई भविष्य नहीं रह जाता है. लेकिन अब सरकार ने ये फैसला लेकर ये बताने की कोशिश जरूर की है कि पूर्व अग्निवीरों के पास विकल्प की कमी नहीं होने वाली है. अग्निपथ स्कीम के तहत अधिकतम 25 पर्सेंट अग्निवीरों को ही परमानेंट करने का प्रावधान है. ऐसे में इस कोटे को भी बढ़ाकर 50 से 60 फीसदी तक करने की मांग उठ रही है.
गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, CISF में पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण, फिजिकल परीक्षा में भी दी जाएगी छूट#BreakingNews #AgniveerScheme #Agniveer #CentralArmedPoliceForces #VistaarNews pic.twitter.com/Qi8oNDcQ0y
— Vistaar News (@VistaarNews) July 11, 2024
लोकसभा चुनाव में भी छाया रहा मुद्दा
अग्निवीरों के जुड़ा मामला लोकसभा चुनाव में भी छाया रहा. पूरे विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे और कहा था कि अगर वे सरकार में आए तो इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा. संसद सत्र के दौरान भी विपक्ष ने इस वादे को दोहराया था और आरोप लगाया था कि अग्निवीरों को सरकार शहीद तक नहीं कहने को तैयार नहीं है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ये भी आरोप लगाया था कि सरकार ने शहीद हुए अग्निवीरों को मुआवजा नहीं दिया है, जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में जवाब दिया था. वहीं अखिलेश यादव ने भी कहा था कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आई तो इस योजना को खत्म कर दिया जाएगा.
शहीद कैप्टन अंशुमान की मां ने की थी ये अपील
हाल ही में कीर्ति चक्र से सम्मानित रायबरेली के शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की मां मंजू सिंह ने भी कहा था कि दो तरह की फौज नहीं होनी चाहिए. साथ ही उनका कहना था कि अग्निवीर को चार साल के लिए नहीं होना चाहिए. शहीद कैप्टन की मां ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की थी और इसके बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था कि सरकार को चाहिए कि वो राहुल गांधी की स्पीच सुने और विचार करे.