Microsoft Outage: एक अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी की गलती ने दुनियाभर की तकनीकी प्रणालियों को हिलाकर रख दिया. माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर लगभग 95% कंप्यूटरों के अचानक बंद होने से 19 जुलाई को वैश्विक स्तर पर हड़कंप मच गया. इस गड़बड़ी का सबसे अधिक असर हवाई यात्रा पर पड़ा. हजारों उड़ानें रद्द हो गईं, जिससे एयरपोर्ट्स पर भारी भीड़ और यात्रियों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीकी खराबी हवाई यात्रा के इतिहास में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक थी.
रिफंड को लेकर आया अपडेट
हालांकि, भारत में शनिवार सुबह 3 बजे से सभी एयरपोर्टस पर सिस्टम ठीक से काम करने लगे. अब सभी फ्लाइट्स से जुड़ी सर्विस काम कर रही हैं और आउटेज के कारण हुए बैकलॉग को दूर किया जा रहा है. एविएशन मिनिस्ट्री ने कहा कि ट्रेवेल एडजस्टमेंट और मनी रिफंड की तैयारी हो रही है. आउटेज के कारण कैंसिल हुई फ्लाइट्स के रिफंड जल्द ही जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यात्रिओं को इंश्योरेंस का भी लाभ मिलेगा. जल्द ही मंत्रालय पूरी डिटेल सार्वजनिक करेगा.
भारत में भी पड़ा असर
बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट सर्वर आउटेज का भारत में भी व्यापक प्रभाव देखा गया. देश के मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु समेत सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द हुईं और यात्रियों को काफी परेशानी हुई. भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया.
क्यों हुई गड़बड़ी?
माइक्रोसॉफ्ट के एक सॉफ्टवेयर अपडेट में हुई एक छोटी सी गलती ने इतनी बड़ी समस्या पैदा कर दी. यह घटना एक बार फिर से इस बात की याद दिलाती है कि हमारी आधुनिक दुनिया तकनीक पर कितनी निर्भर है और एक छोटी सी गड़बड़ी कितने बड़े पैमाने पर व्यवधान पैदा कर सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट को सर्वर में गड़बड़ी के बाद कुछ ही घंटों में 18 बिलियन डॉलर (करीब 15 खरब रुपये) का नुकसान झेलना पड़ा है.
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