Waqf Bill: केंद्र की मोदी सरकार बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) पेश करने जा रही है. सदन के पटल पर कल दोपहर 12 बजे इस बिल को रखा जाएगा. इस पर चर्चा के लिए भी समय निर्धारित कर दी गई है. लेकिन उससे पहले ही सियासी पारा हाई हो गया है. कोई इसे ‘वक्फ बर्बाद बिल’ बता रहा है, कोई बीजेपी पर हस्तक्षेप का आरोप लगा रहा है, तो कोई संसद में सस्पेंस का तड़का डाल रहा है. आइए, इस सियासी ड्रामे को डिकोड करते हैं.
ये वक्फ बर्बाद बिल है- ओवैसी
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “ये बिल मुसलमानों के खिलाफ नफरत और हिंदुत्व की विचारधारा थोपने की साजिश है.” वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी को घेरते हुए कहा, “हम इस बिल के खिलाफ हैं. बीजेपी हर चीज पर अपनी पकड़ बनाना चाहती है. सपा के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने तो और सनसनीखेज बात कही. उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश हो रही है. मुसलमानों में डर जायज है, क्योंकि लोग पुलिस की मौजूदगी में मारे जा रहे हैं.”
JDU ने बढ़ाया सस्पेंस!
एनडीए की सहयोगी जेडीयू ने इस बिल पर सस्पेंस बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा, “नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए ढेर सारा काम किया है. हमें विपक्ष के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं. संसद में हमारा रुख साफ होगा.” वहीं, JDU सांसद संजय झा ने नीतीश की तारीफ करते हुए कहा, “19 सालों में नीतीश ने मुसलमानों के हितों की रक्षा की. हम चाहते हैं कि पुरानी बातों को न छेड़ा जाए.” लेकिन JDU एमएलसी गुलाम गौस ने बिल को तुरंत वापस लेने की मांग कर दी. तो क्या JDU बिल के साथ है या खिलाफ?
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, “ये बिल गरीबों की भलाई के लिए है, लेकिन विपक्ष इसे सियासत का हथियार बना रहा है. मस्जिदें इबादत के लिए हैं, सियासत के लिए नहीं. AIMPLB ने मस्जिदों को राजनीति का अड्डा बना दिया.” बीजेपी सांसद दमोदर अग्रवाल ने भी कहा, “कुछ लोग गफलत फैला रहे हैं. ये बिल मुसलमानों के लिए ही अच्छा है.” बीजेपी का दावा है कि विपक्ष सिर्फ झूठ फैला रहा है.
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सूफी चिश्ती ने किया बिल का समर्थन
अजमेर दरगाह के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, “बिल के नाम पर भ्रम फैलाना ठीक नहीं. असहमति अपनी जगह, लेकिन वक्फ की संपत्ति के हित में सबको साथ मिलकर काम करना चाहिए.”
कांग्रेस और LJP का रिएक्शन
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने सरकार से खुली चर्चा की मांग की, तो LJP सांसद अरुण भारती ने कहा, “विपक्ष लोगों को डरा रहा है. ये बिल समाज को जोड़ने के लिए है.”
अब वक्फ बिल पर सियासी तूफान अपने चरम पर है. बीजेपी इसे गरीबों और पारदर्शिता के लिए जरूरी बता रही है, तो विपक्ष इसे मुस्लिम विरोधी और सांप्रदायिक सद्भाव के खिलाफ करार दे रहा है. JDU जैसे सहयोगी भी अभी पत्ते नहीं खोल रहे. अब सबकी नजर लोकसभा पर है कि क्या बिल पास होगा या सियासी ड्रामा और बढ़ेगा?