AstraZeneca: अदालती दस्तावेज़ों में पहली बार अपने टीके के खामियों को स्वीकार करने के बाद, ब्रिटिश फार्मास्युटिकल दिग्गज कंपनी एस्ट्राज़ेनेका ने वैश्विक स्तर पर वापसी की घोषणा की है. कंपनी ने बुधवार को कहा कि उसने महामारी के बाद से दुनिया भर में अपने COVID-19 वैक्सीन को वापस लेने की पहल की है.
कंपनी ने कहा, “चूंकि कई प्रकार के COVID-19 टीके विकसित किए गए हैं, इसलिए हम अब अपने वैक्सीन को बाजार से वापस लेने का निर्णय लिया है.” कंपनी ने बताया है कि वैक्सीन की बिक्री कम हो गई है.”
एस्ट्राजेनेका ने क्यों वापस ली वैक्सीन?
ब्रिटिश मीडिया हाउस द टेलीग्राफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि एस्ट्राजेनेका ने अपनी कोरोना वैक्सीन को वापस लेने के लिए 5 मार्च को आवेदन किया था, जो 7 मई से प्रभावी हो गया है. कंपनी ने कहा है कि वह व्यावसायिक कारणों से टीके को हटा रही है, क्योंकि वर्तमान में कोरोना वायरस के कई अपडेटेड टीके उपलब्ध हैं. कंपनी ने ये भी कहा है कि अब वैक्सीन का निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है. इसकी जगह नए अपडेटेड टीकों ने ले ली है.
साइड इफेक्ट की वजह से लिया निर्णय?
ब्रिटिश फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने हाल ही में अदालती दस्तावेजों में स्वीकार किया था कि कोविशील्ड वैक्सीन में टीटीएस पैदा करने की क्षमता है. सिंड्रोम के लक्षण, जिसमें गंभीर या लगातार सिरदर्द, धुंधली दृष्टि, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, पैर में सूजन या लगातार पेट दर्द शामिल हैं. आमतौर पर यह टीकाकरण के 4 से 42 दिनों के बाद दिखाई देते हैं. कंपनी की कोविड-19 वैक्सीन वैश्विक स्तर पर कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया ब्रांड नाम के तहत बेची गई थी.
एस्ट्राजेनेका ने कहा, “वैश्विक महामारी समाप्त करने में हमें अपनी कोरोना वैक्सीन पर गर्व है. अनुमान के मुताबिक, इस्तेमाल के सिर्फ पहले साल में 65 लाख से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई और विश्व स्तर पर 300 करोड़ से ज्यादा खुराक की आपूर्ति की गई. हमारी कोशिशों को दुनियाभर की सरकारों ने मान्यता दी और व्यापक रूप से वैक्सीन को वैश्विक महामारी को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक माना गया है.”