Baba Ramdev: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को कांवड़ तीर्थयात्रियों की आस्था की शुद्धता बनाए रखने के लिए राज्य भर में कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले सभी फलों की दुकानों, भोजनालयों, रेस्टोरेंट के मालिकों की ‘नेमप्लेट’ लगाने का आदेश दिया. इस फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. विपक्षी दलों ने इसे भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति बताया है. वहीं, बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं को भी अपनी आस्था की शुद्धता बनाए रखने का वैसे ही पूरा हक है, जैसे अन्य धर्मों के लोगों को. अब इस मामले में योग गुरु बाबा रामदेव की प्रतिक्रिया सामने आई है.
बाबा रामदेव ने कहा है, ‘अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्यों दिक्कत होनी चाहिए? अपने नाम पर गौरव सबको होता है. नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है, काम में शुद्धता चाहिए बस.’ बता दें कि यूपी सरकार के इस पहल के बाद, उत्तराखंड ने भी तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाली फलों की दुकानों, भोजनालयों पर मालिक का नेमप्लेट लगाने को लेकर एक आदेश जारी किया है.
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यूपी सरकार ने अपने आदेश में क्या कहा?
यूपी सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जबकि उत्तराखंड पुलिस ने नेमप्लेट लगाने से संबंधित नियमों का पालन करने में विफल रहने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. सबसे पहले यह निर्णय मुजफ्फरनगर में लिया गया, जहां जिला पुलिस ने किसी भी ‘भ्रम’ से बचने के लिए कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाले सभी फलों की दुकानों और भोजनालयों को अपने मालिक का नाम प्रदर्शित करने का निर्देश जारी किया.
विपक्ष ने आदेश को बताया विभाजनकारी
हालांकि, विपक्षी दलों द्वारा इस कदम को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित ‘कट्टरता’ और ‘मुस्लिम’ दुकानदारों को टारगेट करने वाली कार्रवाई करार दिया. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी जिलों में कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों, रेस्टोरेंट इत्यादि पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का फरमान जारी कर दिया. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘ऐसे आदेश सामाजिक अपराध हैं. सरकार शांतिपूर्ण माहौल को खराब करना चाहती है.’