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Vaishno Devi Temple: वैष्णो देवी मंदिर के आसपास शराब और मांसाहारी भोजन पर प्रतिबंध, जाने कब तक के लिए लगी रोक

Vaishno Devi

अब वैष्णो देवी जाने वाले लोगों को शराब और मांसाहारी भोजन नहीं मिलेगा.

Vaishno Devi Temple: मां वैष्णो देवी के दर्शन करने जाने वालों के लिए यह खबर बेहद जरुरी है. क्योंकि अब वैष्णो देवी जाने वाले लोगों को शराब और मांसाहारी भोजन नहीं मिलेगा. अब से वैष्णो देवी के आस-पास के दुकानों में शराब और मांसाहारी भोजन पर लगा प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह प्रतिबंध अगले 2 महीने तक लगा रहेगा.

माता वैष्णो देवी के आसपास के दुकानदारों के लिए भी यह खबर काफी जरूरी है. यह आदेश वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर जारी की गई है. जम्मू कश्मीर में कटरा के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट पीयूष धोत्रा ने निषेधाज्ञा आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार, अब कटरा और मंदिर के आस-पास शराब और मांसाहारी चीजें नहीं बिकेंगी. जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में वैष्णोदेवी मंदिर के पास शराब और मांसाहारी भोजन की बिक्री, रखने और सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

12 किलोमीटर के मार्ग में प्रतिबंध

4 दिसंबर, बुधवार को अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रतिबंध कटरा से त्रिकुटा पहाड़ी पर स्थित पवित्र गुफा तक 12 किलोमीटर के मार्ग और उसके आसपास के क्षेत्रों में लागू रहेगा.

अधिकारीयों ने यह भी बताया कि यह आदेश जारी होने की तिथि से दो महीने तक लागू रहेगा. अधिकारियों ने बताया कि कटरा के उप मंडल मजिस्ट्रेट पीयूष धोत्रा ​​ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत कटरा और आसपास के इलाकों में शराब और अंडे, चिकन, मटन और समुद्री भोजन सहित मांसाहारी भोजन की बिक्री, रखने और सेवन पर प्रतिबंध लगाया है.

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यहां रहेगा प्रतिबंध

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रतिबंध कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर लगाया गया है. जिनमें कटरा से पवित्र गुफा के रास्ते और आस-पास की सड़कों और 2 किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांव में भी लगाया गया है. प्रतिबंध विशेष रूप से अरली, हंसाली और मटयाल जैसे क्षेत्रों में लागू किया गया है. कटरा-टिकरी, कटरा-जम्मू, कटरा-रियासी और पंथाल-डोमेल सड़कों पर भी इस आदेश का पालन अनिवार्य है. चंबा, सेरली, भगता, कुंडरोरियन, कोटली बजालियां, नोमैन, मघाल, नौ डेवियन और अघर जित्तो जैसे गांवों में भी आदेश लागू किया जाएगा. इस आदेश का उद्देश्य मंदिर, पवित्र गुफा और उसके आस-पास के इलाकों की पवित्रता को बनाए रखना है, जहा हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं.

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