Bangladesh Crisis: ऊपर की तस्वीर बांग्लादेश और भारत के बॉर्डर की है. बीते 10 दिनों के दौरान हुई हिंसा में कई लोग मारे गए हैं और कई बेघर हुए हैं. इन्हीं पीड़ितों का एक दस्ता भारत में दाखिल होने के लिए सीमा पर खड़ा है. पानी में खड़ी लोगों की यह भीड़ भारत से शरण मांग रही है. यह उस अत्याचार से पीड़ित जमात है, जो पिछले दिनों बांग्लादेश में कहर बनकर बरपी है.भारत से लगी सीमाओं पर तकरीबन हर जगह ऐसा ही मंजर है. एक तरफ शरणार्थी तो दूसरी तरफ सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान हैं. सीमाओं की भी अपनी एक मजबूरी है. देश हैं. नियम और कायदे हैं. दुख भरपूर है, लेकिन नियम-कायदे और भारत की आंतरिक सुरक्षा की ऐसी पेचीदगी है कि चाहकर भी फौरी मदद इन तक नहीं पहुंच पा रही है. इसके बाद भी ये लोग इस उम्मीद में सीमा पर डटे हुए हैं कि भारत से इन्हें मदद मिलेगी.
अत्याचार के कई वीडियो वायरल!
बांग्लादेश में भले ही नई सरकार बन गई है, लेकिन हिंसा अब भी जारी है. पड़ोसी मुल्क में फैली अशांति को लेकर अब राजनीति भी खूब हो रही है.आंतरिक सरकार बनी तो पीएम मोदी ने खुद ही यूनुस से बात की और हिन्दुओं की रक्षा के लिए कहा. लेकिन इसके बाद भी सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसे देखकर आंखों से आंसू निकल आए. पहले ये वीडियो देखिए…
A group of Muslims capture a Hindu girl in Bangladesh, insult her and then drown her
Where are the eyes of the world?
Save Hindus from Genocide in Bangladesh pic.twitter.com/1lYeuo0z8v
— Salwan Momika (@Salwan_Momika1) August 9, 2024
मौलाना ने जताई खुशी
बांग्लादेश की मीडिया ने देशभर से हिंदुओं के घरों और मंदिरों को जलाये जाने की खबर रिपोर्ट की है. इन खबरों के बाद दुनियाभर के कट्टरपंथी मुसलमानों ने खुशी जताई है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की उम्मीद जता रहे हैं. खुद को इस्लामिक विद्वान बताने वाले अबू नज्म फर्नांडो बिन अल-इस्कंदर ने बांग्लादेश से हिंदुओं को समाप्त करने की अपील की है. अपने एक्स पोस्ट में मौलाना ने लिखा है- हिंदुओं के पास केवल दो विकल्प हैं. पहली तलवार और दूसरी ये कि इस्लाम अपना लें.
अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरे हिंदू
इस बीच शेख हसीना सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे बर्बर हमलों, आगजनी और लूटपाट के विरोध में शुक्रवार बांग्लादेश हिंदू जागरण मंच बड़ा प्रदर्शन किया. राजधानी ढाका के शाहबाग में हजारों हिंदू जमा हुए और देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई. रैली के दौरान हिंदू समुदाय ने चार सूत्रीय मांगें रखीं: अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग का गठन, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून और अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटों का आवंटन. हरे राम, हरे राम भजन गाते हुए असहाय हिन्दुओं को पहले देख लीजिए…
Hare Krishna Hare Krishna..Krishna Krishna Hare Hare … Hare Ram Hare Ram … Ram Ram Hare Hare
Thousands of Hindus chanting on the streets of Dhaka took out a peaceful protest against ongoing crime and gen0cide of Hindus in Bangladesh.#HindusAreNotSafeInBangladesh… pic.twitter.com/dTUbkK8Biv
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) August 10, 2024
सीएम योगी ने की अपील
जाहिर है कि भारत इन सब घटनाओं को लेकर चिंतित है. इस बीच सीएम योगी का एक बयान आया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो बांग्लादेश में हो रहा है, वहां 90 फीसदी जो हिंदू बचा है, वह दलित समुदाय से है, लेकिन जिनके मुंह सिले हुए हैं, इसलिए सिले हुए हैं, क्योंकि उन्हें मालूम है कि बांग्लादेश का हिंदू उनके लिए वोटर नहीं होगा. सीएम योगी ने भारतीय हिंदुओं से अपील की है कि वे बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ खड़े रहें और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाएं.
वहीं अमित शाह ने बांग्लादेश में जारी हालात के मद्देनजर मोदी सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा हालात पर नजर रखने के लिए एक समिति गठित की है. यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ संवाद बनाए रखेगी ताकि वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों, हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
Hare Krishna Hare Krishna..Krishna Krishna Hare Hare … Hare Ram Hare Ram … Ram Ram Hare Hare
Thousands of Hindus chanting on the streets of Dhaka took out a peaceful protest against ongoing crime and gen0cide of Hindus in Bangladesh.#HindusAreNotSafeInBangladesh… pic.twitter.com/dTUbkK8Biv
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) August 10, 2024
UN की भूमिका पर उठे सवाल
वहीं अब यूएन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं. अभी यूनाइटेड नेशन, जिसकी अधिकारिक वेबसाइट पर तमाम मानवीयता का दावा करनेवाली स्टोरी तैरती नजर आ रही हैं, लेकिन यदि कुछ उसमें गायब है तो वह है हिन्दू अत्याचार से जुड़ी बांग्लादेश की कहानी. सबसे ज्यादा यूएन यदि मानवीयता के नाम पर कवरेज किसी को देता दिख रहा है तो वह गाजा है. यूनाइटेड नेशन को इस वक्त सबसे ज्यादा लेबनान, सीरिया गोलान पहाड़ियां और ईरान की राजधानी तेहरान में हुए हमलों से पूरे क्षेत्र में टकराव भड़कने की आशंका सता रही है. लेकिन बांग्लादेश में जो अमानवीयता-अत्याचार हो रहा है, वह दिखाई नहीं दे रहा.