Bangladesh Violence: बांग्लादेश में हुई तख्तापलट के बाद से जारी हिंसा अब भी थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. एक बार फिर हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और हिंसा का मामला सामने आया है. भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के आसपास के इलाके और जमात-ए-इस्लामी के गढ़ मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हमला हुआ है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने भगवत गीता को जला दिया है.
इसके अलावा मंदिर में रखा हारमोनियम को भी तोड़ा गया है. जानकारी के मुताबिक, हिंसक भीड़ ने मंदिर के गर्भ गृह में लूटपाट और आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया है. मंदिर के प्रभारी प्रभु जी ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ऊपर लगातार हमला हो रहा है.
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“पेट्रोल बम से मंदिर पर हमला”
मंदिर प्रभारी ने आगे बताया कि 5 अगस्त से पहले लगभग साढ़े पांच बजे भीड़ का हमला हुआ. वो लोग साथ में पेट्रोल बम और विस्फोटक लेकर आए थे. उस वक्त हमारे साथ मंदिर में कुल 16 लोग मौजूद थे. मंदिर में मौजूद गहनों, प्राचीन ग्रंथों के साथ सारी चीजों को जला दिया गया. मंदिर बनाने के लिए जो डोनेशन मिला था, लगभग दस लाख टका (करीब साढ़े 6 लाख रुपए) लूट लिया गया. मंदिर की संपत्ति में रखी मोटरसाइकिल भी जला दी गई.
“दो सौ साल पुराने ग्रंथ को भी जलाया”
इसके अलावा उन्होंने बताया कि हमारे पास दो सौ साल से पुराने ग्रंथ थे, वो भी जला दिया. इसी जगह पर हम जगन्नाथ जी की सेवा करते थे, वो भी लूटकर ले गए. मंदिर में अचानक भीड़ आई और मंदिर पर हमला कर दिया. मंदिर में रखे हुए सारे सामान और धार्मिक किताबें जलकर राख हो गई हैं. फॉलोवर्स मौके पर आ रहे हैं और बची किताबों को बचाकर रख रहे हैं. बता दें कि यह इस्कॉन मंदिर किराए के मकान में चल रहा था और अलग से मंदिर बनाने के लिए चंदा इकट्ठा किया गया था.
“कट्टरपंथियों की वजह से देश की छवि खराब हुई”
ढाका में कारोबार करने वाले नियाज को भी लगता है कुछ कट्टरपंथियों की वजह से बांग्लादेश की छवि खराब हुई है, जिन्होंने आंदोलन की आड़ में हिंदुओं पर हमले किए और उन्हें निशाना बनाया. नियाज कहते हैं की बहुत सारे हिंदू हमारे साथ रहते हैं और इस मुश्किल में हम उनकी हिफाजत भी कर रहे हैं और जिन लोगों ने उनके साथ बुरा किया वह हमारे बीच के लोग नही हैं.