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Bangladesh Violence: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस, नहीं थम रहे हिंदुओं पर हमले

Bangladesh Update

मोहम्मद यूनुस

Bangladesh Violence: पीएम शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अब बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनने जा रही है. राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन ने छात्र आंदोलन के समन्वयक मंडल के 13 सदस्यों से वार्ता के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता और शेख हसीना के कट्टर विरोधी मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुखिया नियुक्त किया गया है.

जानिए कौन हैं यूनुस?

मुहम्मद यूनुस का जन्म 1940 में चटगाँव में हुआ था. यूनुस ने ढाका विश्वविद्यालय में पढाई पूरी की. जिसके बाद वे वांडरबिल्ट विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के लिए UAE चले गए. मोहम्मद यूनुस नोबल पुरस्कार विजेता हैं जिनकी पहचान देश में ‘गरीबों के बैंकर’ के रूप में है क्योंकि मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश में ग्रामीण बैंकों की स्थापना की. जिसमें गांव में रहने वाले गरीबों को 100 डॉलर से काम के छोटे छोटे कर्ज देकर गरीबी से निकलने में उनकी मदद की जाती थी. गरीबों की मदद के लिए बड़े बैंक कभी सामने नहीं आए. मोहम्मद यूनुस के इसी सराहनीय कार्य की वजह से 2006 में इन्हें नोबल शांति पुरस्कार से नवाज़ा गया.

मोहम्मद यूनुस पूर्व बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना के कट्टर और धुर विरोधी बताये जाते हैं. नोबल पुरस्कार जीतने के बाद धीरे-धीरे मोहम्मद यूनुस का झुकाव राजनीति की ओर बढ़ा. इसके बाद वो शेख हसीना की नाराज़गी के शिकार हो गए और उनपर गरीबों का खून चूसने का आरोप लगा था. बता दें कि 2011 में हसीना सरकार ने उन्हें ग्रामीण बैंक के प्रमुख के पद से हटा दिया था. मोहम्मद यूनुस को इसी साल हसीना सरकार में श्रम कानून के उल्लंघन के लिए 6 महीने की जेल हुई थी. हालांकि उन्हें जेल नहीं भेजा गया था.

भारत में ही मौजूद हैं शेख हसीना

बांग्लादेश में उग्र प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और ढाका से भारत आ गईं थीं. शेख हसीना अभी भी भारत में ही हैं. उनकी अगली योजना क्या है, क्या वो किसी दूसरे मुल्क जाएंगी या अभी भारत में ही रहेंगी इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है.

हिंदुओं पर हमले जारी

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, खासकर हिंदुओं पर हमले जारी हैं. हिंदुओं के घरों को आग के हवाले कर दिया जा रहा है, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठानों को लूट लिया गया है. हिंदुओं को उनके घरों से निकालकर पीटने के अनगिनत मामले आए हैं.

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