Bangladesh Violence: बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हो चुका है. लेकिन तख्तापलट के 6 दिन बाद भी बांग्लादेश में हिंसा का दौर जारी है. वहां सरकार, पुलिस अधिकारी, नेता, आम जन और अल्पसंख्यक हिंदू कोई भी सुरक्षित नहीं है. इस बीच खबर आ रही है कि बांग्लादेश में हिंसा एक बार फिर से बेकाबू हो गई है. इस बार प्रदर्शनकारियों ने अपनी ही देश की सेना पर धावा बोल दिया. ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपालगंज इलाके में उग्रवादियों ने सेना की गाड़ी पर हमला कर दिया है.
इस हमले में दो लोगों को गोली लगी और स्थानीय लोगों सहित सेना के 15 लोग घायल हो गए हैं. यह घटना शनिवार करीब शाम 4 बजे हुई जब शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग के कार्यकर्ता हजारों की संख्या में ढाका-खुलना राजमार्ग पर उतरकर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की वापसी की मांग कर रहे थे.
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प्रदर्शन रोकने पर किया हमला
जानकारी के अनुसार आवामी लीग के नेता और कार्यकर्ता पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की बांग्लादेश वापसी की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारी ढाका-खुलना राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे थे और NH को जाम कर दिया था. जिसके बाद बांग्लादेशी सेना मौके पर पंहुची और प्रदर्शन खत्म कर रास्ता खाली करने की अपील की. जिसके बाद उग्रवादियों ने सेना पर ही हमला बोल दिया और सेना के ऊपर ईंट-पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. जिसके बाद बांग्लादेशी सेना ने भीड़ को वहां से हटाने के लिए लाठी चार्ज किया. इससे भीड़ और उग्र हो गई और सेना के वाहन में तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया.
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लेफ्टिनेंट कर्नल ने की घटना की पृष्टि
घटना की पुष्टि करते हुए बांग्लादेश के गोपालगंज कैंप के लेफ्टिनेंट कर्नल मकसुदुर रहमान ने बताया कि सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों की संख्या करीब 3000 से 4000 थी. उन्होंने बताया की हमले में बांग्लादेशी सेना के कई जवान घायल हुए हैं. स्थानीय प्रसाशन के अनुसार सेना के सदस्यों ने स्थितियों को कण्ट्रोल करने के लिए गोलीबारी की, जिसमें एक बच्चे सहित दो लोगों को गोली लग गई. हालांकि घटना में किसी की मौत नहीं हुई.