Special State Status: 22 जुलाई से 12 अगस्त तक संसद का बजट सत्र चलेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को 2024-25 का बजट पेश करेंगी. इससे पहले बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग तेज हो गई है. बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी और विजय कुमार चौधरी ने भाजपा की टेंशन बढ़ाने वाले बयान दिए हैं.
अशोक चौधरी ने बुधवार को कहा, “जनता की जरूरतों का ख्याल रखा जाएगा. विशेष राज्य का दर्जा पैकेज की तरह ही रहता है. राज्य का जो कंट्रीब्यूशन पहले 10 प्रतिशत का होता था और 90 प्रतिशत भारत सरकार देती थी, अब वो 50-50 हो चुका है. हमारा कंट्रीब्यूशन घटे और किस तरह से यह फार्मूला बनेगा, यह भारत सरकार तय करेगी. हम लोग विशेष पैकेज या विशेष राज्य के दर्जे की मांग जरूर करेंगे.”
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उधर, विजय कुमार चौधरी ने कहा, “हम लोग विशेष राज्य का दर्जा चाहते हैं, लेकिन कोई समस्या है तो हम लोग विशेष पैकेज की मांग करते हैं. बिहार भाग्यशाली प्रदेश नहीं है. सीमित संसाधन के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे देश को बता दिया कि हमारे संसाधन कम है, लेकिन तरक्की की रफ्तार में किसी विकसित प्रदेश से कम नहीं है.” बता दें कि बिहार के अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्र बाबू नायडू भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
जेडीयू-टीडीपी के भरोसे मोदी सरकार!
केंद्र में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 543 सीटों में से 272 पर जीत जरूरी है. इस बार भाजपा अपने दम पर उतनी सीटें नहीं जीत पाई है. भगवा पार्टी को कुल 240 सीटों पर जीत मिली है. लेकिन भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 292 सीटें मिलीं हैं, जो बहुमत से 20 ज्यादा हैं. एनडीए में शामिल बिहार के सीएम और जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार तथा आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ‘किंगमेकर’ बनकर उभरे हैं. दरअसल, एनडीए में टीडीपी 16 सीटों पर जीत दर्ज कर दूसरी बड़ी पार्टी बनी है. जबकि नीतीश कुमार की जेडीयू 12 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर है.