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“राम के हैं और राम के ही रहेंगे…”, कन्हैया मित्तल का यू-टर्न, कांग्रेस को लगा बड़ा झटका

Kanhaiya Mittal

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Kanhaiya Mittal: पंचकूला सीट से बीजेपी के टिकट के लिए जोर-शोर से प्रयास कर रहे मशहूर गायक कन्हैया मित्तल ने कांग्रेस में शामिल होने का अपना फैसला वापस ले लिया है. कन्हैया मित्तल ने इस बदलते फैसले की जानकारी देते हुए स्पष्ट किया कि वे अपने सनातनी पहचान को बनाए रखना चाहते हैं और भगवान राम के प्रति अपनी निष्ठा को कायम रखना चाहते हैं.

मित्तल ने मनोज तिवारी से की मुलाकात

हाल ही में कन्हैया मित्तल ने दिल्ली में बीजेपी नेता मनोज तिवारी और नीलकांत बख्शी से मुलाकात की. मित्तल ने कहा कि वे नहीं चाहते कि किसी भी सनातनी का विश्वास टूटे. उन्होंने अपने बयान में कहा, “मैं राम का था, राम के हैं और राम के ही रहेंगे.” कन्हैया मित्तल का नाम हाल ही में यूपी चुनाव में उनके गाने ‘जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएंगे’ के कारण चर्चा में था. इसके अलावा, उन्हें राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण भी मिला था, जिसे लेकर उन्होंने भजन गाने की बात की थी.

सियासत में एंट्री को लेकर कन्हैया मित्तल ने कहा था, “सभी के पास एक दिल होता है और वह कहीं न कहीं जुड़ना चाहता है. मेरा मन है इसलिए मैंने कांग्रेस से जुड़ने की इच्छा जताई है.” उन्होंने कहा, “कांग्रेस से जुड़ने के बाद ही यह तय होगा कि चुनाव कहां से लड़ा जाए.”

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पंचकूला से टिकट चाहते हैं मित्तल

बीजेपी ने हरियाणा की पंचकूला सीट पर उम्मीदवार के रूप में पुराने नेता ज्ञानचंद को फिर से उतारा है, जिसके चलते कन्हैया मित्तल के लिए सीट मिलना मुश्किल हो सकता है. इसके साथ ही, रेसलर विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के कांग्रेस में शामिल होने से हरियाणा में बीजेपी के लिए स्थिति थोड़ी चुनौतीपूर्ण हो गई है. कन्हैया मित्तल के इस यू-टर्न ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और यह देखने वाली बात होगी कि इसका असर आगामी चुनावों पर क्या होता है.

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