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हरियाणा में बीजेपी को बड़ा झटका, अशोक तंवर की कांग्रेस में वापसी, घंटेभर पहले पार्टी के लिए मांग रहे थे वोट

राहुल गांधी से मिलते अशोक तंवर

राहुल गांधी से मिलते अशोक तंवर

Haryana Election: हरियाणा में विधानसभा चुनाव का उत्सव शुरू हो चुका है, और 5 अक्टूबर को होने वाली वोटिंग से पहले चुनाव प्रचार अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है. इस बीच, नेताओं के दलबदल ने राजनीति में हलचल मचा दी है, जिससे चुनावी माहौल और भी गरमाया हुआ है.

हरियाणा में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. चुनावी सरगर्मियों के बीच, आम आदमी पार्टी के एक प्रमुख प्रत्याशी ने एक दिन पहले ही कांग्रेस का हाथ थाम लिया. वहीं, अशोक तंवर ने भी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन बीजेपी से कांग्रेस में वापसी का फैसला लिया है.

बीजेपी की गोद में रहे तंवर का सफर

अशोक तंवर इस साल जनवरी में बीजेपी में शामिल हुए थे. लेकिन महज आठ महीने में उन्होंने अपनी पार्टी बदली है. उन्हें इस साल के लोकसभा चुनाव में सिरसा सीट से बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन वह कांग्रेस की कुमारी सैलजा के हाथों भयंकर हार का सामना करने के बाद वापसी के लिए मजबूर हुए. हैरत की बात ये है कि अशोक तंवर महज एक घंटे पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे थे. तंवर के कांग्रेस में आने पर पार्टी ने कहा,  ”कांग्रेस ने लगातार शोषितों, वंचितों के हक़ की आवाज़ उठाई है और संविधान की रक्षा के लिए पूरी ईमानदारी से  लड़ाई लड़ी है.”

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AAP-BJP के बाद फिर से कांग्रेस में वापसी

बता दें कि अशोक तंवर ने 5 अक्टूबर 2019 को उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया था. अप्रैल 2022 को आप ज्वाइन की थी. 22 महीने तक पार्टी में रहे. लेकिन बाद में रिजाइन कर दिया. तंवर ने इस्तीफे के पीछे आप के इंडिया गठबंधन के साथ जाने का कारण बताया था. इसके बाद तंवर ने बीजेपी का दामन थाम लिया था.

इस तरह के दलबदल चुनावी रणनीति और मतदाताओं के मनोविज्ञान को प्रभावित कर सकते हैं. यह सवाल उठता है कि क्या इन बदलावों का असर चुनाव परिणामों पर पड़ेगा? हरियाणा के इस चुनावी रण में कौन सा नेता किसके साथ खड़ा होगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
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